विनय एक्सप्रेस समाचार, अजमेर। राजस्व मण्डल अध्यक्ष श्री राजेश्वर सिंह ने कहा कि राजस्व एवं प्रशासनिक क्षे़त्र में दायित्वों की पूर्ण निष्ठा, प्रतिबद्धता, लोकोन्मुखी एवम निष्ठापूर्ण क्रियान्विति के बगैर जवाबदेह एवं पारदर्शी प्रशासन की कल्पना अधूरी है।
वे शुक्रवार को आरआरटीआई सभागार में त्रिदिवसीय निर्णय लेखन कार्यशाला के समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर राजस्व मण्डल निबंधक श्री महावीर प्रसाद, जिला कलक्टर चुरू सिद्वार्थ सिहाग, जिला कलक्टर बीकानेर भगवती प्रसाद कलाल, जिला कलक्टर पाली नमित मेहता, आबकारी आयुक्त चेतन देवड़ा, मण्डल उप-निबंधक श्रीमती ओमप्रभा एवं श्रीमती प्रिया भार्गव सहित राज्य भर से आये राजस्व एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया।
उन्होेंने ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में राजस्व प्रशासन के समक्ष कई वर्षों से लंबित प्रकरणों की सूची का न्यूनीकरण करना सबसे बड़ी चुनौती हैं। राजस्व अधिकारियों को चाहिये कि वे अन्य कार्यों की भांति राजस्व न्यायालयों को भी पूरी प्राथमिकता प्रदान करें। उन्होेंनेे कहा कि त्रुटिविहीन निर्णयों से ही राजस्व अदालतों में अपीलों की संख्या में कमी लायी जा सकती हैं। राजस्व अदालतों को चाहिये कि राजस्थान काश्तकारी अधिनियम, राजस्व भू राजस्व अधिनियम एवं व्यवहार प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों की अक्षरशः पालना करते हुए प्रकरणों का निस्तारण करें। न्यायालय का आदेश स्पीकिंग आॅर्डर हो। यदि कोई आदेश ओवर रूल किया गया है तो उसका स्पष्ट कारण भी लिखा जायें।
उत्तरदायी होने का भाव जागृत हो
मण्डल अध्यक्ष ने कहा कि अदालतों के पीठासीन अधिकारियों में उत्तरदायी होने का भाव जागृत करने की आवश्यकता हैं जो भी निर्णय लिखा जाये उसका अधिकारी पहले स्वयं मूल्यांकन करें। उन्होंने राजस्व न्यायालयों प्रशासनिक दायित्वों का निर्वहन त्वरित, निर्धारित प्रक्रिया एवं प्रतिबद्धता के साथ करने की जरूरत बतायी।
आरक्षित भूमि राजस्व रिकाॅर्ड में दर्ज हो-
उन्होेंने कहा कि राजकीय विद्यालयों व अन्य सरकारी प्रयोजनार्थ आरक्षित भूमि को राजस्व रिकाॅर्ड में दर्ज किया जाना आवष्यक हैं ताकि उसका अन्यत्र अंकन नहीं हो पाए। उन्होंने कलक्टर्स से आवंटन संबंधी प्रकरणों की सतत् माॅनिटरिंग करने पर जोर दिया।
परस्पर सहयोग से करंे कार्य-
श्री राजेश्वर सिंह ने कहा कि कार्य स्थल का वातावरण पूर्ण सहयोगात्मक एवं सौहार्दपूर्ण हो। कार्मिकों के हितों का पूर्ण ध्यान रखा जाये। उनके विरूद्व अनावश्यक कार्यवाही से बचा जाये। सुदृढ़ राजस्व प्रशासन के माध्यम से ही समग्र विकास की अवधारणा को साकार किया जा सकता हैं।
राजस्व मण्डल अध्यक्ष राजेश्वर सिंह ने सर्वश्रेष्ठ निर्णय लेखन प्रतियोगिता एवं निबंध लेखन प्रतियोगिता के श्रेष्ठ रहे प्रतिभागियों को पारितोषिक एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। इसके साथ ही त्रिदिवसीय निर्णय लेखन कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को भी अतिथियों के हाथों प्रमाण पत्र वितरित किये गये। सभी विजेता प्रतिभागियों एवं कार्यशाला में भागीदारी निभाने आने वाले अधिकारियों को मण्डल अध्यक्ष ने बधाई दी। आरंभ में आरआरटीआई निदेशक चेतन प्रकाश त्रिपाठी ने कार्यशाला की उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि कार्यशालाओं के आयोजन प्रतिवर्ष सतत् तौर पर जारी रहेंगे। कार्यक्रम का संयोजन सोनम ने किया।