आत्मा योजना अंतर्गत ”बकरी पालन एवं प्रबधन ” विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन

विनय एक्सप्रेस समाचार, झुंझुनू। पशु विज्ञान केंद्र,सिरियासर कला, झुंझुनू के प्रभारी अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि आज दिनांक 30 दिसम्बर 2022 को कोलसिया(कमलनिष्ठा संस्थान,कोलसिया)में आत्मा योजना अंतर्गत दो दिवसीय बकरी पालन एवं प्रबधन विषय पर पशुपालक प्रशिक्षण शिविर का समापन किया गया जिसमें पशु पालक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर पशुपालक महावीर प्रसाद द्वितीय स्थान पर मेघराज व तृतीय स्थान पर रेखा देवी रहे जिनको पुरस्कार दिया गया । पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रतीक पशु चिकित्सक ने पशुपालन विभाग द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराया तथा उन्होंने बताया कि बकरी के दूध में कैल्शियम, पोटेशियम, प्रोटीन और विटामिन-डी होते है जो कि मानव शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। अधिकांशतः लोग गाय या भैंस का दूध पसंद करते हैं लेकिन बकरी का दूध भी अपने आप में बहुत ही विशेषता लिए हुए है एवं सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है। यह इम्यून सिस्टम व उपापचयता को बढ़ाने के साथ ही डेंगू बिमारी में भी यह काफी प्रभावी है। बकरी का दूध गाय के दूध की तुलना में आसानी से पचता है । तथा बकरियों में परजीवी नियंत्रण एवं बकरियों के स्वास्थ्य प्रबंधन पर व्याख्यान दिया | केंद्र के डॉ. विनय कुमार ने क्षेत्र विशेष मैं होने वाले अनाज को मिलाकर बकरियों के लिए संतुलित व पोस्टिक आहार कैसे बनाएं विधि पूर्वक जानकारी दी इसमें पोषण तत्व जैसे प्रोटीन, खनिज लवण और विटामिन भरपूर मात्रा में होता है | हरा चारा, विशेषकर दलहनी हरे चारे में प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस आदि पर्याप्त मात्रा में होती है | हरे चारे में विटामिन ए की प्रचुर मात्रा होती है। इसके साथ ही बकरियों में उम्र का पता कैसे लगाएं व उच्च नस्ल की नर व मादा का चयन कैसे करें और छोटे मेमनो के रखरखाव व पोषण के बारे में विस्तृत जानकारी दी | कृषि पर्यवेक्षक रघुवीर सिंह यादव कृषि विभाग की योजनाओं के बारे में एवं फोडर प्रोडक्शन के बारे में विस्तार से जानकारी दी कमलनिष्ठा संस्थान के संस्थापक डॉ डीपी सिंह ने पशुपालकों एवं आए हुए अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया और ऐसे परीक्षणों में लगातार भाग लेने की सलाह दी।कार्यक्रम का संचालन सुप्यार जी, दिलीप सिंह,सुमित पूरी ने किया ।इस प्रशिक्षण शिविर में जिले के 30 पशुपालकों ने भाग लिया।