विनय एक्सप्रेस समाचार, भरतपुर। शांति एवं अहिंसा विभाग के निदेशक मनीष शर्मा ने कहा कि आमजन के जीवन में गांधीजी के विचार धारा को आत्मसात करने के लिए वर्ष पर्यन्त कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना आवश्यक है।
शांति एवं अहिंसा विभाग के निदेशक मनीष शर्मा की अध्यक्षता में गुरूवार को कलैक्ट्रेट सभागार में जिले में चल रहे जिला स्तरीय गांधी सप्ताह के तहत आयोजित कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने युक्ति मजबूरी का नाम महात्मा गांधी के स्थान पर मजबूती का नाम महात्मा गांधी है को आमजन में अधिक से अधिक फैलायें क्योंकि महात्मा गांधी अंग्रेजी हकूमत के सामने डिगे नहीं वरन मजबूती से खडे रहे जिसके कारण आज हमें आजादी मिली है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा प्रत्येक बजट घोषणा से पूर्व कहा जाता है कि जनकल्याणकारी योजनाओं का उद्देश्य गांधी जंतर है जिसका शाब्दिक अर्थ अंतिम छोर के गरीब पात्र व्यक्ति को लाभान्वित करना है। उन्होंने कहा कि भरतपुर की जनता गांधीजी के विचारों को पूर्व से ही आत्मसात कर रही है जिस प्रकार से गांधीजी सत्य के लिए अंग्रेजों के सामने नहीं झुके इसी प्रकार भरतपुर की जनता भी सत्य एवं आत्मसम्मान के लिए नहीं झुकती है।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं जिला स्तरीय गांधी दर्शन समिति के नोडल अधिकारी श्रीनिधि बीटी ने कहा कि जिले में महात्मा गांधी की विचारधारा को जन-जन तक पहुॅचाने के लिए सप्ताह के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम निरन्तर वर्षभर जिले के उपखण्ड एवं ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित कर इस विचारधारा से अधिक से अधिक लोगो को जोडने का प्रयास किया जायेगा।
इस दौरान महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के जिला संयोजक देवेन्द्र शर्मा, महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के सह संयोजक घनश्याम शर्मा, टेक्नोलॉजी पार्क शिक्षण संस्थान के निदेशक आलोक शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर भुसावर के सतीश पाण्डे, नगर के नवीन, सरपंच प्रभाव, कबई के सत्येन्द्र, शुभम सैनी, सिनसिनी सरपंच राजाराम, कैलाश मिश्रा, सुधा फौजदार एवं निक्की चौधरी सहित अन्य लोगों ने भाग लिया।