विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। जिला पर्यावरण समिति की त्रैमासिक बैठक कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जिला कलेक्टर पीयूष समारिया की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
बैठक में घर-घर औषधि योजना के दायरे मे हुए परिवर्तन, जिला पर्यावरण योजना की क्रियान्विती से संबंधित बिंदुओं तथा राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशानुसार जिले में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, सॉलिड अपशिष्ट प्रबंधन, जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन, निर्माण एवं विध्वंस (मलबा) अपशिष्ट प्रबंधन, खनन क्षेत्रों से निकलने वाले मलबो के डिस्पोजल तथा वाहन प्रदूषण से जुड़े कार्यों पर चर्चा की गई ।इस दौरान जिला कलेक्टर पीयूष समारिया ने सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करने वालों पर कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए साथ ही उन्होंने सॉलिड अपशिष्ट प्रबंधन के अंतर्गत किए जा रहे घर घर कचरा संग्रहण, गीला एवं सूखा कचरा पृथकीकरण, सार्वजनिक सफाई कार्य, ठोस अपशिष्ट प्रोसेसिंग एवं एमआरएफ से संबंधित कार्यों की समीक्षा की । उन्होंने वाहन प्रदूषण रोकने के लिए परिवहन विभाग एवं पुलिस विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की प्रगति की जांच करते हुए बड़े वाहनों की पीयूसी जांच आवश्यक रूप से करने के निर्देश दिए ।
इस दौरान उप वन संरक्षक ज्ञानचंद ने घर घर औषधि योजना के संबंध में राज्य सरकार के निर्णय से अवगत कराते हुए बताया कि राज्य सरकार ने राज्य वन नीति 2010 के लक्ष्यों की प्राप्ति के उद्देश्य से घर-घर औषधि योजना के दायरे को बढ़ाते हुए सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम में परिवर्तित किया है साथ ही उन्होंने योजना के क्रियान्वयन के लिए तैयार किए जा रहे पौधों को वितरित करने की लक्ष्य वार योजना से जिला कलेक्टर को अवगत करवाया, इस संबंध में जिला कलेक्टर पीयूष समारिया ने सभी विभागों को अपने कार्यालय परिसरों में तथा सार्वजनिक स्थानों पर पौधारोपण करने की कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए इस दौरान उन्होंने खनन क्षेत्रों में किए गए पौधारोपण कार्य की जानकारी ली और आवंटित किए गए लक्ष्य को समय पर पूरा करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को प्रदान किए। इस दौरान बैठक में समिति के सदस्य हिम्मताराम भाँबू, उप वन संरक्षक ज्ञानचंद, आरपीएस रविंद्र बोथरा, डीटीओ सुप्रिया, सीएमएचओ डॉ महेश वर्मा, आयुर्वेद विभाग के उपनिदेशक डॉ लाखनचंद मीणा, कृषि अनुसंधान अधिकारी श्योपाल राम जाट सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।