नए शोध करें विश्वविद्यालय, किसानों को दें क्रॉपिंग पैटर्न, फसल प्रबंधन और बीजोपचार की जानकारी

तीन दिवसीय किसान मेला ‘पोषक अनाज, समृद्ध किसान’ संपन्न : शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला और आपदा प्रबंधन मंत्री श्री मेघवाल रहे मौजूद

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय तथा आत्मा के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय किसान मेला ‘पोषक अनाज, समृद्ध किसान’ बुधवार को संपन्न हुआ।
समापन समारोह के शिक्षा मंत्री समापन समारोह के मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला थे। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था कृषि और पशुपालन पर आधारित है। किसानों को अन्नदाता कहा जाता है। किसान जितने समृद्ध होंगे, देश और प्रदेश विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि हमारे 70 प्रतिशत लोग कृषि पर आधारित हैं। किसान अथक मेहनत करके उत्पादन करते हैं, लेकिन पर्याप्त लाभ नहीं मिला पाता। शिक्षा मंत्री ने कहा कि किसानों को अधिक से अधिक लाभ हो,  इसके मद्देनजर विश्वविद्यालय नए शोध करें तथा किसानों को क्रॉपिंग पैटर्न, फसल प्रबंधन और बीजोपचार के बारे में बताएं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि किसान अपने उत्पादों का प्रसंस्करण करें और मूल्य संवर्धन करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की सशक्त करने के लिए संकल्पबद्ध तरीके से कार्य कर रही ।है मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा गत 2 वर्षों से कृषि का अलग बजट प्रस्तुत किया जा रहा है। किसानों के लिए योजनाएं लागू की गई हैं। उन्होंने कहा कि किसान मेले में लगाकर स्टॉल्स का अवलोकन करें और नई तकनीकों को समझें एवं इन्हें अपनाएं।
आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग मंत्री श्री गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि किसानों को नई तकनीकें और नवाचारों से रूबरू करवाने में ऐसे मेले महत्वपूर्ण होते हैं। किसान इनका भरपूर लाभ उठाएं। उन्होंने जैविक खेती को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया तथा कहा कि किसान खेती की नई तकनीकें अपनाएं, जिससे उनके खेती की लागत में कमी तथा लाभ में वृद्धि हो। उन्होंने बाजरे जैसे मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने का आह्वान किया तथा कहा कि किसान उद्यानिकी और पशुपालन की ओर भी अग्रसर हों। आपदा प्रबंधन मंत्री ने किसानों को उनके बच्चों को शिक्षा के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध करवाने की बात कही, जिससे किसानों के बच्चे आगे बढ़ सकें।
स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि तीन दिवसीय मेले में लगभग सात हजार किसानों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि मेले में सौ स्टॉल्स के माध्यम से कृषि की विभिन्न तकनीकों और नवाचारों का प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम में महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह, बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अमरीश शरण विद्यार्थी, विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. सुभाष चंद्र बलवदा, वित्त नियंत्रक पवन कस्वां, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक कैलाश चौधरी, विश्वविद्यालय की कुलसचिव सुनीता चौधरी, बाबू लाल जुनेजा बतौर अतिथि मौजूद रहे।
इससे पहले शिक्षा मंत्री तथा आपदा प्रबंधन मंत्री में मेले में लगाए गए विभिन्न स्टॉल्स का अवलोकन किया। उन्होंने मेले के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए।