डॉ गौरव बिस्सा की दो पुस्तकों “फैमिली मैनेजमेंट सूत्र” और “हौसला हो बुलंद”का हुआ विमोचन

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर।इंजीनियरिंग कॉलेज के एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ गौरव बिस्सा द्वारा लिखित दो पुस्तकों “फैमिली मैनेजमेंट सूत्र” और “हौसला हो बुलंद” का विमोचन करणी नगर स्थित आरएन आरएसवी स्कूल हुआ. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में वेटरनरी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. एके गहलोत ने कहा कि बुलंद हौसला, हर पल नया सीखने का जुनून और प्लानिंग के साथ लक्ष्य की ओर बढ़ना ही सफलता का सूत्र है. कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि आरएसवी शिक्षण समूह निदेशक निधि स्वामी ने विद्यार्थियों में सेल्फ स्टडी में आई कमी को रेखांकित करते हुए कहा कि डॉ बिस्सा की पुस्तकें व्यक्ति को स्वाध्याय हेतु प्रेरित कर उनमें प्रेरणा भरती है. कार्यक्रम के अध्यक्ष आरएसवी शिक्षण समूह के चेयरमैन सुभाष स्वामी ने परिवार की महत्ता को उदाहरणों से समझाया. स्वामी ने कहा कि मनुष्य की आंतरिक शक्ति बाहरी संसाधनों से कई गुना ज्यादा बेहतर होती है.

दोनों पुस्तकों के लेखक डॉ गौरव बिस्सा ने अपने माता पिता, गुरुजनों और समाज का आभार जताते हुए कहा कि जीवन में जो कुछ भी प्राप्त होता है, वह इन्हीं के कारण है अतः सब उन्हें समर्पित कर देना चाहिए. बिस्सा ने पद के मद को छोड़ने, फेस वैल्यू की जगह पर इंट्रिंसिक वैल्यू को अपनाने पर बल दिया. डॉ बिस्सा ने कहा कि शब्दों को गुलाब की तरह होना चाहिए, हथियार की तरह नहीं और जब शब्द हथियार बन जाते हैं तो गृहक्लेश निश्चित है. विपरीत बातों को भी सह लेने की शक्ति को उन्होंने फैमिली मैनेजमेंट का सार कहा. डॉ बिस्सा ने कहा कि संतान के जीवन का संघर्ष छीन लेने लेने वाले माता पिता वास्तव में संतान द्रोही है.

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उद्योगपति और समाजसेवी शशि मोहन मूंदड़ा ने डॉ बिस्सा की प्रभावी प्रस्तुतिकरण शैली और कम्युनिकेशन की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरलतम शब्दों में अपनी बात प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचा देना ही डॉ बिस्सा की खास बात है. फैमिली मैनेजमेंट सूत्र की समीक्षा करते हुए आरएसवी शिक्षण समूह के सीईओ आदित्य स्वामी ने पुस्तक के चारो सेग्मेंट्स का विश्लेषण प्रस्तुत किया और बताया कि पुस्तक पति पत्नी संबंध, बुजुर्ग सम्मान, परिवार की ताकत लालन पालन के गूढ़ सूत्रों को समझाती है. हौसला हो बुलंद पुस्तक की समीक्षा करते हुए मैनेजमेंट व्याख्याता डॉ जयप्रकाश राजपुरोहित ने कहा कि पुस्तक आत्मशक्ति, कमिटमेंट और व्यक्तित्व विकास के सिद्धांतों को रोचक उदाहरणों और रिसर्चेज के माध्यम से समझाती है.

इनका हुआ सम्मान:

डॉ बिस्सा को फैमिली मैनेजमेंट सूत्र लिखने हेतु प्रेरित करने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट स्वर्गीय मनोज सिपानी के पुत्र सीए मयंक सिपानी और हौसला हो बुलंद पुस्तक लिखने की प्रेरणा देने वाले फ़िज़िशियन डॉ. अविनाश कल्ला को सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम में आरएन आरएसवी के प्रशासक पार्थ मिश्रा और प्राचार्य बिंदु बिश्नोई को भी सम्मानित किया गया. वरिष्ठ साहित्यकार डॉ संजू श्रीमाली और डॉ कृष्णा आचार्य ने डॉ गौरव बिस्सा का अभिनंदन किया. कार्यक्रम का संचालन ज्योति प्रकाश रंगा ने किया.

शहर की नामी विभूतियाँ हुई शामिल:

कार्यक्रम में पूर्व मेयर नारायण चोपडा, उद्योगपति सुभाष मित्तल, अखिलेश प्रताप सिंह, जैन स्कूल प्राचार्य सीमा जैन, सिंथेसिस कोचिंग के निदेशक जेठमल सुथार, स्नेहाशीष सक्सेस पॉइण्ट के निदेशक सुरेन्द्र सोलंकी, डॉ द्रोपदी माथुर, सीए बीजी भैया, सीए वीरेंद्र, सीए सुधीश शर्मा, अविनाश जोशी, डॉ पीएस वोहरा, वास्तुकार आर के सुधार, बाबूलाल मोहता, डॉक्टर प्रीति कल्ला, डॉ अजय जोशी, डॉ राहुल हर्ष, संजय श्रीमाली, विनय थानवी सहित शहर की 300 गणमान्य हस्तियां उपस्थित थीं.