घुटनों के दर्द में पीआरपी थेरेपी,ऑपरेशन से पहले बन सकता है अच्छा विकल्प:डॉ लोकेश सोनी

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर।घुटना खराब होना या घुटने में दर्द होना या फिर अधिक वजन के कारण घुटने खराब होने की समस्या में सर्जरी कराना ही एकमात्र उपाय नहीं है। पीआरपी भी इस तरह की समस्या में लाभदायक हो सकता है। यह एक तरह का इंजेक्शन है, जिसे देने पर समस्या हल हो जाती है। जानिए क्या है, यह…
अधिक उम्र में घुटनों के खराब होने की मुख्य वजह आर्थराइटिस है।घुटने में साफ्ट टिश्यू अर्थात एक गद्देदार परत होती है, जिसे कार्टिलेज कहते हैं। यही कार्टिलेज घिसने या क्षतिग्रस्त होने से हड्डियां आपस में रगडऩे लगती हैं। इसकी वजह घुटने में दर्द एवं घुटने जाम होने लगते हैं।
 घुटनों के जोड़ खराब होने पर डॉक्टर नी रिप्लेसमेंट की सलाह देते हैं। नी रिप्लेसमेंट से पहले पीआरपी यानी प्लेट्लेट्स रिच प्लाज्मा थैरेपी  उम्मीद की नई किरण के रूप में सामने आई है।

 क्या होती है पीआरपी

पीआरपी में मरीज के खून से प्लेटलेट रिच प्लाज्मा मशीन से बनाया जाता है। फिर उसे घुटनों में सुई से लगाते हैं। इस प्रक्रिया में 1-2 घंटे का समय लगता है। इसमें मरीज को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ती है। इससे धीरे-धीरे आराम मिलता है। घुटनों में कार्टिलेज दोबारा से बनने लगता है। जिससे दर्द कम होता है। यह उन मरीजों में अधिक कारगर है जिनमें किसी बीमारी या मेडिकल कंडीशन में घुटनों की सर्जरी नहीं हो सकती है।

 कितनी कारगर है: पीआरपी इंजेक्शन का असर 4-6 हफ्ते बाद ही दिखता है, इसलिए मरीज को इस इंजेक्शन के तत्काल परिणाम की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। इंजेक्शन बहुत किफायती है।

यह इलाज किसी भी आयु वर्ग के मरीजों के लिए लाभकारी है क्योंकि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। हालांकि पीआरपी इंजेक्शन लेने के लिए उम्र सीमा या सावधानी बरतने कि कोई जरूरत नहीं रहती, लेकिन आर्थराइटिस के शुरुआती चरण में जितनी जल्दी हो सके यह इलाज कराना ही बेहतर होता है ताकि अधिकतम और लंबी अवधि तक इसका लाभ मिल सके। डॉ लोकेश सोनी के अनुसार जिला चिकित्सालय बीकानेर में इस थेरेपी से कई मरीज लाभान्वित हो चुके हैं।

 और कोनसी परिस्थिति में पीआरपी उपयोगी है

किसी भी टेंडन या लिगामेंट इंजरी का सफलतापूर्वक पीआरपी थैरेपी के द्वारा उपचार संभव है, लेकिन पूरी तरह टूट चुके टेंडन या लिगामेंट्स का इसके द्वारा उपचार संभव नहीं है। स्पोर्ट्सपर्सन के लिए भी यह कारगर है। जिनके घुटनों की मांसपेशियों में खिंचाव आ जाता है। इस प्रकार की समस्याओं को आमतौर पर दवाअों, फिजियोथैरेपी या सर्जरी के द्वारा ठीक किया जाता है। कई एथलीट्स के अनुसार पीआरपी थैरेपी उनकी समस्याओं को तुरंत और अधिक बेहतर तरीके से उपचार करती है।
 घुटनों में अन्य किस प्रकार के इंजेक्शन लगाए जा सकते है- सामान्य रूप से घुटनों में दर्द तथा सूजन काम करने के लिए स्टेरॉइड के इंजेक्शन लगाए जाते है तथा घुटने में hyaluronic acid के इंजेक्शन भी लगाए जाते हैं।
 डॉ लोकेश सोनी
अस्थि व जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ
राजकीय जिला चिकित्सालय  बीकानेर