जिला कलेक्टर श्रीमती रुकमणी रियार की संवेदनशीलता के चलते आठ लाख रुपए का उपचार हुआ नि:शुल्क – नौनिहाल अब्दुल के लिए चिरंजीवी योजना बनी वरदान

जिला कलेक्टर ने हनुमानगढ जिले के योजना से वंचित परिवारों से की योजना में जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन करवाने की अपील

रुकमणी रियार : जिला कलक्टर, हनुमानगढ़
विनय एक्सप्रेस समाचार, हनुमानगढ़। रेहड़ी पर सब्जी बेच कर जीवन यापन कर रहे सलीम ने कभी सोचा भी न था कि उसके मासूम बच्चे अब्दुल मलिक का उपचार हो सकेगा। क्योंकि चिकित्सकों ने उसके इलाज पर करीब सात से नौ लाख रुपए तक का खर्च बताया था। लेकिन मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना अब्दुल के लिए वरदान साबित हुई और उसका निशुल्क व सफल उपचार हुआ। यह संभव हो सका श्रीगंगानगर की तत्काली जिला कलेक्टर और वर्तमान में हनुमानगढ़ जिले की जिला कलेक्टर श्रीमती रुकमणी रियार की संवेदनशीलता के चलते, जिन्होंने श्रीगंगानगर जिले में कलेक्टर रहते हुए इसको लेकर न केवल उच्चाधिकारियों को डीओ लेटर लिखकर बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी फोन कर उपचार के लिए विशेष स्वीकृति ली, जिसके चलते निशुल्क इलाज हो सका।
श्रीगंगानगर सीएमएचओ डॉ. मनमोहन गुप्ता ने बताया कि सूरतगढ़ निवासी सलीम खान रेहड़ी पर सब्जी बेचते हैं, जिससे उनका जीवन बसर हो रहा है और वे अपने बच्चों का पालन-पोषण कर रहे हैं। सलीम के साढ़े चार वर्षीय बेटे अब्दुल मलिक को बचपन से ही कम सुनाई देता था और पिछले कुछ महीनों से समस्या इतनी बढ़ी कि बच्चे को पूरी तरह से सुनाई देना बंद हो गया। आंगनबाड़ी में दाखिल करवाया लेकिन वहां भी समस्या आने लगी, ऐसे में स्कूल भेज पाना अंसभव प्रतीत हुआ। जिससे उसका भविष्य अंधकारमयी नजर आने लगा। बच्चे की कई अस्पतालों में जांच करवाई लेकिन हर जगह स्थाई उपचार पर आठ-नौ लाख रुपए का खर्च बताया जाता।
सीएमएचओ ने बताया कि पिछले दिनों बीकानेर सरकारी अस्पताल में जांच करवाई तो बताया गया कि नियमानुसार इस बीमारी में चार साल से ज्यादा बड़े बच्चे का उपचार निशुल्क नहीं है और यहां भी करीब छह से सात लाख रुपए खर्च होगा। महज डिवाइस पर ही करीब साढ़े पांच लाख रुपए तक का खर्च होगा। इतनी राशि जुटानी सलीम के लिए मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुमकिन थी।
श्रीगंगानगर के सीओ आईईसी श्री विनोद बिश्रोई ने बताया कि सलीम ने इस पीड़ा से श्रीगंगानगर की तत्कालीन जिला कलेक्टर श्रीमती रूकमणि रियार को अवगत करवाया, जिस पर उन्होंने उच्चाधिकारियों से टेलीफोनिक वार्ता कर मासूम बच्चे के उपचार के प्रयास किए और अर्द्धशासकीय पत्र ( डीओ लेटर) भी लिखा। उच्चाधिकारियों ने भी संवेदनशीलता दिखाते हुए राज्य सरकार की मंशानुरूप बच्चे के निशुल्क उपचार के लिए चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में विशेष अनुमति प्रदान की। बच्चे के उपचार में श्रीगंगानगर में चिरंजीवी प्रभारी श्री सुनील बिश्नोई का भी अहम योगदान रहा और उन्होंने परिजनों, प्रशासन व अस्पताल प्रबंधन के बीच समन्वय स्थापित किया।
बहरहाल, अब्दुल के कान का निशुल्क व सफल ऑपरेशन हो चुका है, उसे पूरी तरह से सुनाई देने लगा है, वह बेहद उत्साहित व खुश है। परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं, वे बार-बार राजस्थान सरकार का आभार प्रकट करते नहीं थक रहे।
जिला कलेक्टर श्रीमती रुकमणी रियार ने अब्दुल के कान का निशुल्क व सफल ऑपरेशन होने व उसे पूरी तरह से सुनाई देने लगने पर खुशी जताते हुए कहा कि राज्य सरकार का मकसद ही मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के जरिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में लोगों की मदद करना है। इस योजना के अंतर्गत 10 लाख रूपए तक का इलाज निशुल्क किया जा रहा है। अब्दुल के परिवार के लिए चिरंजीवी योजना किसी वरदान से कम साबित नहीं हुई। लिहाजा हनुमानढ़ जिले के इस योजना से वंचित सभी परिवारों से अपील की जाती है कि वे जल्द से जल्द अपने परिवार का इस योजना में रजिस्ट्रेशन करवाएं ताकि परिवार के किसी भी सदस्य के बीमार पड़ने पर परिवार पर अनावश्यक आर्थिक भार ना पड़े और जरूरत पड़ने पर राज्य सरकार की स्वास्थ्य के क्षेत्र में लाई गई इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ मिल सके।