विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। जिला कलक्टर पीयूष समारिया के निर्देश पर नलकूप, जलाशयों में पानी नहीं पहुचने लीकेज इत्यादि की शिकायतें प्राप्त होने पर उपखण्ड स्तरीय प्रशासन द्वारा गत 20 जून को ग्रामीण जल योजनाओं का औचक निरीक्षण किया गया था। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग वृत्त नागौर के अधीक्षण अभियंता ने बताया कि इसी के मध्यनजर खराब पड़े नलकूपों, भूतल जलाशयों की सफाई, खराब नलकूपों का भौतिक सत्यापन किया गया तथा निरीक्षण रिपोर्ट जलदाय विभाग को प्रेषित कर उचित कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश प्रदान किये गये।
विभाग ने निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाये गये 13 विभागीय कार्मिकों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है, तथा विभागीय कार्यवाही प्रस्तावित की जा रही है एवं अनुबन्ध पर संचालित ऐसे 17 नलकूप जिन पर फर्म या ठेकेदार का कोई कर्मचारी कार्यरत नहीं होना पाया गया ऐसे ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गई है तथा सम्बंधित अभियंता को निविदा की शर्तों के अनुसार भुगतान जारी नहीं करने हेतु निर्देशित किया गया है। अन्य खामियों पर सुधार कर पालना रिपोर्ट जिला कलक्टर को भेजी गई है।
उन्होंने बताया कि इस निरीक्षण का प्रभाव भी धरातल पर देखने को मिला है। गौरतलब है कि जिला प्रशासन व जलदाय विभाग के सामंजस्य से ग्रामीण इलाकों में पेजयल व्यवस्था सुचारू बनाये रखने के लिए ऐसे औचक निरीक्षण करवाये जा रहे है।
उन्होंने बताया कि भविष्य में ऐसे औचक निरीक्षण जारी रहने की संभावना है, ताकि निचले स्तर पर कार्मिक अपने दायित्व्यों एंव कर्तव्यों का निर्वहन कुशलतापूर्वक कर सकें, तथा पेयजल प्रणाली की सघन निगरानी की जा सके।