विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। राज्य सरकार प्रदेश में वन और वन्यजीवों के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने बाघों के महत्व को ध्यान में रखते हुए रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में चलाई जा रही बाघ परियोजना हेतु विशेष बाघ संरक्षण बल (एसटीपीएफ) में 85 पदों को पुलिस पैटर्न के स्थान पर फॉरेस्ट पैटर्न के अनुसार सृजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। साथ ही, 27 वन चौकीदार (फॉरेस्ट वॉचर) की सेवाएं संविदा पर लेने की स्वीकृति दी गई है।
प्रस्ताव के अनुसार, इन पदों में सहायक वन संरक्षक का 1, क्षेत्रीय वन अधिकारी के 3 तथा वन रक्षक के 81 पद होंगे, जो नियमानुसार भरे जाएंगे। साथ ही, 27 वन चौकीदार की सेवाएं आरटीपीपी नियमों के अनुसार संविदा पर ली जाएगी। इससे राज्य सरकार पर लगभग 3.6 करोड़ रुपए का वार्षिक वित्तीय भार आएगा।
श्री गहलोत ने वर्तमान पुलिस पैटर्न आधारित ‘विशेष बाघ संरक्षण बल’ के कारण होने वाली परेशानी तथा फॉरेस्ट पैटर्न से होने वाले लाभों को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से रणथंभौर में बाघों का संरक्षण, उनकी ट्रेकिंग तथा शिकारियों से बचाव आदि के कार्य और अधिक प्रभावी ढंग से किए जा सकेंगे।