तीन साल तक होगा एक्सप्लोरेशन, आवश्यकता होने पर 9 माह का मिलेगा अतिरिक्त पीरियड -देश में ऑनलैंड क्षेत्र में खनिज तेल उत्पादन में राजस्थान पहले स्थान पर -निवेश, रोजगार व राजस्व में होगी बढ़ोतरी
विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। राज्य में नया साल 2023 पेट्रोलियम क्षेत्र में नर्ई आशा लेकर आ रहा है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइन्स एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि बाड़मेर-जैसलमेर के 486.39 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में तेल और प्राकृतिक गैस का एक्सप्लोरेशन भारत सरकार के उपक्रम गैल इंडिया द्वारा किया जाएगा। इसके लिए गैल इंडिया को 3 साल प्लस 9 माह के लिए ब्लॉक आवंटित किया गया है। केन्द्र सरकार के पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय की अनुशंषा पर यह पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन लाइसेंस जारी किया है। उन्होंने बताया कि गैल इंडिया को ऑपन एक्रेज लाइसेंसिंग पालिसी के तहत सप्तम चक्र में यह ब्लॉक आवंटित किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत समय समय पर खनिज खोज व खनन कार्य को गति देने पर जोर देते रहे है। वहीं खान व गोपालन मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि 2022 जाते जाते प्रदेश के लिए अवसर लाया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि 2023 में एक्सप्लोरेशन सें नई खुशी मिलेगी।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि गैल इंडिया द्वारा इस क्षेत्र में खनिज तेल और प्राकृतिक गैस की खोज की जाएगी। देश में ऑनलैंड क्षेत्र में खनिज तेल उत्पादन में राजस्थान पहले स्थान पर है। इस समय प्रदेश में ओएनजीसी व ऑयल इंडिया द्वारा बाड़मेर और जैसलमेर क्षेत्र मेें पेट्रोलियम व गैस का उत्पादन किया जा रहा है। इसके लिए ओएनजीसी को 9 व ऑयल इंडिया को 2 लाइसेंस दिए हुए है। इसी तरह से राज्य में 16 पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन लाइसेंस जारी कर एक्सप्लोरेशन कार्य किया जा रहा है जिसमें वेदांता को 9 लाइसेंस, ऑयल इंडिया को 5, ओएनजीसी और गैल इंडिया को 1-1 पीईएल जारी है। उन्होंने बताया कि एक्सप्लोरेशन का कार्य बाड़मेर, जैसलमेर के साथ ही बीकानेर और श्रीगंगानगर क्षेत्र में हो रहा है।
एसीएस माइन्स एवं पेट्रोलियम डॉ. अग्रवाल ने बताया कि गैल गैस को बाड़मेर व जैसलमेर में आरजे-ओएनएचपी-2021/1 ब्लॉक का आवंटन किया गया है। इस क्षेत्र में गैल इंडिया द्वारा खनिज क्रूड ऑयल, प्राकृतिक गैस, कोल बेड मिथेन सीबीएम और शैल गैस की खोज व उत्पादन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गैल द्वारा प्रति छह माह ओपरेशन, बोरिंग व प्रोडक्शन की जानकारी आवश्यक रुप से दी जाएगी। इसी तरह से एक्सप्लोरेशन के दौरान अन्य खनिज मिलता है तो उससे भी तत्काल अवगत कराएगी। गैल द्वारा एक्सप्लोरेशन के दौरान आर्मी से जुड़े क्षेत्र में एक्सप्लोरेशन, सर्वे और डिगिंग गतिविधियां नहीं की जा सकेगी।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि खनिजतेल और गैस की उत्पादकता बढ़ने से लाभदायकता बढ़ने के साथ ही प्रदेश में निवेश, रोजगार व राजस्व की भी बढ़ोतरी होगी। इस समय प्रदेश में लगभग एक लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल व करीब 41 से 44 लाख घनमीटर गैस का उत्पादन हो रहा है।