जिला कलक्टर श्रीमती रुक्मणि रियार ने किया आरडी 98 से टेल आरडी 158 तक का निरीक्षण : तटबंधों पर लगातार चौकसी करने और प्रभावी मॉनिटरिंग के दिए निर्देश, जिला कलक्टर के साथ चीफ इंजीनियर ने चैक किए क्रिटिकल प्वाइंट

रावतसर के 4 एसपीडीए, 2 केबीएम, 2 केएलडबल्यू, 2 जेडडब्लूएम अतिसंवेदनशील में चिन्हित

विनय एक्सप्रेस समाचार, हनुमानगढ़। घग्घर में लगातार पानी की आवक बढ़ रही है, जीडीसी और नाली बैड अपनी पूर्ण क्षमता के साथ बह रही है। प्रशासन की व्यवस्थाएं चाक-चौबंद है तथा लगातार तटबंधों कि मॉनिटरिंग की जा रही है । घग्घर सायफन पर बढ़ रही पानी की आवक के मद्देनजर जिला कलक्टर मौके पर लगातार निरीक्षण कर रही है । बुधवार को श्रीमती रुक्मणि रियार ने आरडी 98, आरडी 108, आरडी 133 और आरडी 158 का  निरीक्षण किया। तटबंधों पर लगातार चौकसी करने और प्रभावी मॉनिटरिंग के निर्देश दिए ।
जिला कलक्टर ने कहा कि अभी ओटू हैड से 35 हजार क्यूसेक पानी आ रहा है, सरदुलगढ़ में पानी संतुलित हुआ है। घग्घर सायफन में 22 हजार क्यूसेक से अधिक पानी प्रवाहित हो रहा है । जिसको जीडीसी, नाली बैड, आईजीएनपी में तीन जगह डाइवर्ट किया जा रहा है । आईजीएनपी में 3 हजार क्यूसेक से अधिक पानी चल रहा है, जिससे जीडीसी और नाली बैड पर दबाव कम हो रहा है, अभी स्थिति नियंत्रण में है। जिला कलक्टर ने अपील करते हुए बताया कि हम नियन्त्रण रखने का पूरा प्रयास कर रहे हैं, नियंत्रण रखने की । प्रशासन पूरा मुस्तैद है, कहीं भी आवश्यकता हो, आप हमें सूचना दें, हम पूरा प्रयास करेंगे कि कोई दिक्कत ना हो।
निचले बहाव क्षेत्र के निवासियों को पिछले 5 दिन से लगातार अपील की जा रही कि वहा से आमजन प्रस्थान कर रहे हैं । बुधवार को रावतसर की चार ढाणियों 4 एसपीडीए, 2 केबीएम, 2 केएलडबल्यू, 2 जेडडब्लूएम को भी अतिसंवेदनशील में चिन्हित किया गया है, जो निचले बहाव क्षेत्र में है। हालांकि काफी संख्या में लोग शिफ्ट हो गए हैं परंतु बचे हुए लोगों से अपील है कि निचले बहाव क्षेत्र को खाली कर दें और राहत केंद्रों में शिफ्ट हो जाए। एसडीएम भादरा श्रीमती शकुंतला चौधरी को रावतसर की चारों ढाणियों के लिए नियुक्त किया गया है कि वहा विजिट करें।  टिब्बी, हनुमानगढ़ और पीलीबंगा के निचले बहाव क्षेत्र के लोगों को लगातार शिफ्ट किया जा रहा है ।
चीफ इंजीनियर ने चैक किए क्रिटिकल प्वाइंट
चीफ इंजीनियर श्री अमरजीत सिंह मेहरड़ा ने बताया कि पीछे से पानी लगातार बढ़ रहा है, और भी पानी के बढ़ने कि संभावना है। घग्घर डायवर्जन में पिछले सालों में 8 हजार क्यूसेक पानी चलाया गया था, इस बार इसकी क्षमता 13 हजार क्यूसेक कि आंकी गई थी। परंतु ग्राम पंचायतों से अच्छा सहयोग मिलने से इसकी क्षमता बढ़ाते हुए 14 हजार क्यूसेक पानी इसमें चलाया जा रहा है। नाली बैड में फिलहाल 5700 क्यूसेक पानी चल रहा है, जिसको धीरे-धीरे बढ़ाते हुए बुधवार शाम तक 6 हजार क्यूसेक तक बढ़ाया जाएगा।
श्री मेहरडा ने बताया कि अधिक मात्रा में पानी बढ़ने पर प्लानिंग के तहत पानी को डायवर्ट किया जाएगा। पानी के तेज बहाव के साथ इंदिरा गांधी में पानी का बहाव बढ़ेगा । निचले बहाव क्षेत्र के लोगों को आगाह किया जा रहा है, जिससे कि बाढ़ के खतरों से बचा जा सके। प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी है, हम एक प्लान के तहत कार्य कर रहे हैं । जीडीसी निरीक्षण हेतु जिला स्तरीय अधिकारियो को लगाया गया है जो रात्रि कालीन निरीक्षण करेंगे ।
घग्घर में पानी की मात्रा
बुधवार को ओटू हैड पर 36,425 क्यूसेक, घग्घर साइफन में 19,797 क्यूसेक, आरडी 629 से आईजीएनपी में 3233 क्यूसेक सहित राजस्थान में 23,030 क्यूसेक पानी प्रवाहित हो रहा है । जो कि फिलहाल घग्घर नाली बैड आरडी 24 में 5700 क्यूसेक, जीडीसी आरडी 42 में 14056 क्यूसेक पानी प्रवाहित हो रहा है ।
राहत केंद्र सुचारू रूप से हो रहे संचालित
जिले में पूर्व में संचालित 55 के साथ रावतसर उपखंड के भी 5 राहत केंद्र बनाए गए है। जो कि चक 25 पीडी(मोधुनगर), 3 एसपीबी, 99 आरडी, 10 केडब्ल्यूडी खेदासरी के राजकीय विधालयों में बनाए गए है । चिकित्सा विभाग की टीमों द्वारा शिविरों में स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है ।
जिला कलक्टर ने कि अपील
जिला कलक्टर ने अपील कि है की प्रशासन और इंजीनियरों द्वारा दी जा रही जानकारी पर भरोसा रखे। घबराए नहीं बल्कि सतर्क रहें। घग्घर नदी बहाव क्षेत्र के अतिसंवेदनशील क्षेत्र में निवास करने वाले आमजन सुरक्षित स्थानों पर अथवा प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत केंद्रों में प्रस्थान करें। पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर भिजवा दें। पशु चरवाहे नाली क्षेत्र से दूर रहे। आम नागरिक नदी बहाव क्षेत्र से दूर रहे, नालों एवं जलभराव वाले क्षेत्रों में अनावश्यक रूप से नहीं जाए ।
तेज बहाव में वाहन न उतारे, पानी निकलने वाली रपट से नहीं गुजरे। तेज बहाव के समय आसपास के बिजली के तारों के टूटने एवं खंभों के गिरने की संभावना रहती है, अतः सावधानी रखे। बैटरी से संचालित मोबाईल, इन्वर्टर इत्यादि उपकरणों को फुल चार्ज रखें। आपातकालीन स्थितियों के लिए एक थैली, सूखे कपडे, दवाइयों की किट, टॉर्च, मोबाइल, रस्सी इत्यादि सामान अपने पास रखें। घर में रखे कीमती सामान समय रहते सुरक्षित कर लें।