पशुओं के चारा प्रबंधन को लेकर जिला कलेक्टर ने सभी एसडीएम को लिखा पत्र उपखंड, ग्राम पंचायत व वार्ड स्तरीय समिति बनाकर चारे के प्रभावी प्रबंधन व निरीक्षण को लेकर दिए निर्देश  

विनय एक्सप्रेस समाचार, हनुमानगढ़। जिला कलेक्टर श्री नथमल डिडेल ने जिले में पशुओं के चारा प्रबंधन को लेकर सभी उपखंड अधिकारियों पत्र लिखा है। पत्र में जिला कलेक्टर ने सभी उपखंड अधिकारियों को खंड स्तरीय, ग्राम पंचायत स्तरीय और नगर पालिका स्तरीय समिति गठित कर चारे के प्रभावी प्रबंधन व निरीक्षण के निर्देश दिए हैं। खंड स्तरीय समिति में पशुपालन विभाग, कृषि विभाग व विकास अधिकारियों को शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं।

पत्र में जिला कलेक्टर ने लिखा है कि हनुमानगढ़ में वर्ष 2021-22 खरीफ व रबी फसल मौसम में नहरी पानी की कम उपलब्धता व अनियमित कम वर्षा होने से पशुचारा उत्पादित फसलों का बुवाई क्षेत्रफल कम हुआ है व रबी 2021-22 में सरसों फसल का बाजार भाव ऊंचा रहने के कारण जिले में कृषकों ने काफी बड़े क्षेत्र में गेहूं के स्थान पर सरसों फसल की बुवाई की गई है। इससे जिले में सूखा चारा का उत्पादन कम रहा है।

पशुपालन विभाग द्वारा उपलब्ध करवाई गई जानकारी के अनुसार जिले में लगभग 8.65 लाख पालतू पशु के रूप में पशुपालन किया जा रहा है। जिले में पूरे वर्ष भर हेतु पालतू पशुओं के लिए अनुमानित 13.13 लाख मैट्रिक टन पशु चारे की आवश्यकता रहेगी। जिले में वर्ष 2021-22 में कुल अनुमानित उत्पादित चारा की मात्रा 13.21 मैट्रिक टन रहने की संभावना है।

यह संज्ञान में आया है कि जिले के कृषकों ने सुखा धारा विशेषकर तुड़ी का बाजार भाव अच्छा प्राप्त होने पर कृषकों ने स्वयं की आवश्यक मात्रा संगृहित कर शेष बचे चारे का विक्रय किया जा रहा है, जो बड़ी मात्रा में अधिकतर जिले से बाहर अन्य जिलों में स्थानांतरित हो रहा है। यह संभावना बन रही है कि जिले में गौशाला पशुओं, आवारा छोड़े गये व पालतु पशुओं हेतु सुखा चारा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पायेगा।

जिले में आवश्यक पर्याप्त मात्रा में पशु चारा उपलब्ध हो व कोई पशु चारा अभाव में भूख से नहीं मरे। इस हेतु चारा उपलब्धता का प्रभावी निरीक्षण व प्रबंधन समय-समय पर किया जाना अतिआवश्यक है। अतः आप पशु चारा के समय पर प्रबंधन हेतु अपनी अध्यक्षता में पशुपालन विभाग, कृषि विभाग व विकास अधिकारी पंचायत समिति आदि की तत्काल खण्ड स्तरीय कमेटी गठित की जाए व इसी प्रकार ग्राम पंचायत स्तरीय व नगरपालिका स्तर पर भी कमेटी गठित कर चारे के प्रभावी प्रबंधन एवं निरीक्षण का कार्य संपन्न कराएं।

समितियों को निर्देशित करने हेतु कहा गया है कि वे पशुचारा तूड़ी विक्रय डिपो व तूड़ी विक्रय हेतु भंडारित की गई तूड़ी भंडार मालिक आदि की सूचना को सूचीबद्ध करे व इनमें भण्डारित की गई तुड़ी की मात्रा की सूचना संकलित कर सूचना तत्काल भिजवाई जावे। इसके अलावा संचालित गौशालाओं के लिए पर्याप्त मात्रा में सूखे चारे का भंडारण हेतु मदद के लिए व वर्तमान में कृषकों द्वारा की जा रही घरेलू पशुओं हेतु हरा चारा बुवाई के साथ-साथ कुछ मात्रा गौशाला पशुओं हेतु बुवाई के लिए कृषकों को प्रेरित करें।


साथ ही निर्देशित किया गया है कि क्षेत्र में पशुचारा अभाव में छोड़े जाने वाले पशुओं की सूचना संकलित की जाये व पशुधन चारे के अभाव में भूखा ना रहें, इस हेतु चारा व पानी आदि का प्रबंधन सुनिश्चित किया जाये। जनप्रतिनिधियों, पशुपालकों व गौशाला प्रबंधक प्रतिनिधियों से समय-समय पर वार्तालाप व बैठक आदि आयोजित कर प्राप्त सुझाव अनुसार आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रस्ताव तैयार कर भिजवाने हेतु भी निर्देशित किया गया है।  जाये। उक्त बिन्दुओं अनुसार कार्यवाही कर प्रगति रिपोर्ट से अवगत करवाया जावे।