विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। बुधवार को पंचायती राज मंत्री रमेश चंद मीना द्वारा बीकानेर कलक्टर के साथ गलत व्यवहार किये जाने पर आईएएस एसोसिएशन ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम पत्र लिख कर विरोध प्रकट किया है, सीएम को यह पत्र मुख्य सचिव के मार्फत भेजा गया है। पत्र मे संगठन के सचिव डॉ. समित शर्मा ने सीएम गहलोत से आग्रह करते हुए कहा कि एसोसिएशन विनम्रतापूर्वक आपके ध्यान में लाना चाहता है कि, हाल ही में, कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनमें कुछ वरिष्ठ जनप्रतिनिधि/मंत्री सार्वजनिक रूप से या मीडिया के माध्यम से ड्यूटी पर मौजूद आईएएस अधिकारियों को टार्गेट करते नजर आ रहे हैं। मंत्री द्वारा ऐसी अनुचित टिप्पणी अशोभनीय हैं।
बीकानेर कलक्टर द्वारा अपने कर्तव्य निर्वहन के दौरान मीडिया व जनता की उपस्थिति मे एक सार्वजनिक समारोह मे मंत्री द्वारा अपमानजनक टिप्पणी करना घोर निंदनीय है व राज्य सरकार की छवि खराब करने जैसा है।
उल्लेखनीय है कि इन्हीं मंत्री द्वारा कुछ दिन पहले अलवर जिले मे पदस्थापित कलक्टर के लिए अपमानजनक टिप्पणी की गयी थी।
मंत्री जी का ऐसा व्यवहार पूरी तरह से अस्वीकार्य है। मंत्रियों द्वारा किये जा रहे ऐसे व्यवहार एवं घटनाएं न केवल नौकरशाही का मनोबल गिराती हैं बल्कि सरकार की छवि को भी धूमिल करती हैं, सुशासन और प्रशासनिक प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हैं।
पत्र मे सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा की हम सरकार के आदेशों का पालना और नागरिकों की सेवा समर्पित भाव से करते हैं। पत्र में बताया गया की राजस्थान परंपरागत रूप से एक अनूठा राज्य रहा है जो जनता के बीच अच्छी समझ के लिए जाना जाता है।
जन-प्रतिनिधियों और नौकरशाही, जिसके परिणामस्वरूप राज्य मे विकास की तेज गति हुई है, इसके लिए प्रशासनिक मशीनरी सामूहिक रूप से एकजुट तरीके से काम कर रही है। इसलिए, किसी भी मंत्री द्वारा मीडिया में अनुचित और अशोभनीय टिप्पणी मनोबल गिराती है ।
एसोसिएशन यह भी दावा करना चाहता है कि अगर किसी एक अधिकारी का काम भी असंतोषजनक है, तो उनके खिलाफ उचित माध्यम से कार्रवाई की जानी चाहिए। परंतु केवल प्रचार और मीडिया विवाद उत्पन्न करने के लिए प्रतिकूल टिप्पणी करने से कोई समाधान नहीं होता है । नौकरशाही का उपयोग केवल राजनीतिक लाभ कमाने के साधन के रूप में करना, अधिकारियों के बीच डर पैदा करने, उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित करने के लिए नहीं होना चाहिए ।
भविष्य में ऐसी घटनाएं अगर जारी रहीं तो अधिकारियों को इससे हतोत्साहित होना पड़ेगा, स्वतंत्र रूप से कार्य करने से निरुत्साहित होने का परिणाम समस्त प्रशासनिक तंत्र को भुगतना पड़ता है।
पत्र के अंत मे सीएम से अनुरोध किया गया है कि ऐसी बार-बार होने वाली घटनाओं पर संज्ञान लिया जाए और उचित कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं हो।