फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स जयपुर में मल्‍टीपल स्‍क्‍लेरॉसिस एवं ऑटोइम्‍यून न्यूरोलॉजी क्‍लीनिक का शुभारंभ

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। मल्‍टीपल स्‍क्‍लेरॉसिस (Multiple Sclerosis) मस्तिष्‍क तथा स्‍पाइनल कॉर्ड (केंद्रीय तंत्रिका तंत्र) से जुड़ा ऑटोइम्‍यून विकार है जिसमें हमारे शरीर की सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है, प्रतिरोधक प्रणाली (इम्‍यून सिस्‍टम) नसों के सुरक्षा कवच को नष्‍ट करने लगता है जिससे नसो को क्षति पहुँचती है जो मस्तिष्क एवं शरीर के बीच संचार को बाधित करती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित शोध के अनुसार, देशभर के विभिन्‍न अस्‍पतालों से जुटाए गए साक्ष्‍यों एवं आंकड़ों से यह पता चला है कि हर साल सामने आ रहे मल्‍टीपल स्‍क्‍लेरॉसिस के मामले लगभग दोगुने हो गए हैं। इस रोग के अलावा अन्‍य ऑटो-इम्‍यून रोगों के निदान तथा उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ाने तथा सभी तक इस जानकारी को पहुंचाने के मकसद से, फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स हॉस्पिटल, जयपुर ने बृहस्‍पतिवार, 07 सितंबर, 2023 को अपने परिसर में मल्‍टीपल स्‍क्‍लेरॉसिस एवं ऑटोइम्‍यून न्यूरोलॉजी क्‍लीनिक का मुख्घ्य अतिथि डॉ राजीव बगरहट्टा, प्रिंसिपल, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर, फोर्टिस हॉस्पिटल के डॉ नीतू रामरख्यानी, डायरेक्टर, न्यूरोलॉजी विभाग, जोनल डायरेक्टर श्री नीरव बंसल, डायरेक्टर मेडिकल ऑपरेशन डॉ माला ऐरन ने फीता काटकर उद्घाटन किया।

डॉ नी‍तू रामरखियानी, डायरेक्‍टर, न्‍यूरोलॉजी, फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स हॉस्‍पीटल, जयपुर ने कहा, ”मल्‍टीपल स्‍क्‍लेरॉसिस ऐसा रोग है जो मस्तिष्‍क तथा स्‍पाइनल कॉर्ड (केंद्रीय तंत्रिका तंत्र) को प्रभावित करता है और इसमें शरीर का अपना ही इम्‍यून सिस्‍टम ही नर्व फाइबर्स को ढकने वाली सुरक्षा परत (मायलिन) को नष्‍ट करने लगता है जिसके कारण मस्तिष्‍क और शरीर के अन्‍य भागों के बीच संचार में समस्‍याएं आने लगती हैं। मल्‍टीपल स्‍क्‍लेरॉसिस एवं ऑटोइम्‍यून डिज़ीज़ क्‍लीनिक इस रोग के मामले में मरीज़ों की संपूर्ण देखभाल की सुविधा प्रदान करेगा। मरीज़ों की मेडिकल हिस्‍ट्री और जांच से रोग का निदान करने में मदद मिलेगी। जांच में ब्रेन और स्‍पाइन एमआरआई (एमएस प्रोटोकॉल), ब्‍लड टैस्‍ट तथा वीईपी (विजुअल इवोक्‍ड पोटेंशियल) टैस्‍ट शामिल हैं।”

श्री नीरव बंसल, ज़ोनल डायरेक्‍टर, फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स हॉस्‍पीटल, ने कहा, ”हम विभिन्‍न ऑटोइम्‍यून रोगों के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र उपचार सुविधाओं के लिए इस नए क्‍लीनिक को लॉन्‍च करते हुए खुशी महसूस कर रहे हैं। इस क्‍लीनिक में मरीज़ों की सहायता के लिए हैल्‍पलाइन के अलावा तरह-तरह की थेरेपी भी उपलब्‍ध करायी जाएंगी। साथ ही, मरीज़ों की निगरानी, लक्षणों के मुताबिक उपचार, अनुभवी फिजियोथेरेपी टीम के मार्गदर्शन में न्‍यूरो-रीहेबिलिटेशन और मनोवैज्ञानिक द्वारा सपोर्ट एवं काउंसलिंग की सुविधा भी उपलब्‍ध करायी जाएगी।”