विनय एक्सप्रेस समाचार, नई दिल्ली। कांग्रेस की पांच राज्यों में हुई करारी हार तथा पार्टी की दुर्दशा सुधारने पर उच्च स्तर पर विचार मंथन होगा और उसमें यह तय किया जाएगा कि किन-किन मुद्दों पर पार्टी अपनी नई रणनीति के साथ काम करेगी ताकि 2024 में आने वाले लोकसभा चुनाव तथा उसके पहले होने वाले विधानसभा चुनावों में मजबूती से मुकाबला कर सके। इसके लिए चिंतन शिविर बुलाया जाएगा।
चिंतन शिविर की यह बैठक राजस्थान में होने की संभावना है क्योंकि चिंतन शिविर बैठक कराने का जिम्मा अशोक गहलोत ने लेने का प्रस्ताव किया है। हालांकि अभी राजस्थान में यह बैठक कहां होगी, इसके लिए स्थान और तारीख तय होना अभी बाकी है।
CWC की बैठक में गुलाम नबी आजाद, दिग्विजय सिंह का सुझाव भी विचार मंथन को लेकर था। उसी कड़ी में चिंतन शिविर रखने का निर्णय किया गया है। कांग्रेस का इससे पहले मध्यप्रदेश के पंचमढ़ी में 1998 में चिंतन शिविर हुआ था। जिसमें पार्टी संगठन के लिए कई बिन्दु तय किए गए थे। संभवत: उसी तर्ज पर राजस्थान में होने वाला यह चिंतन शिविर होगा, जिसमें पार्टी को फिर से खड़ा करने के फॉर्मूले पर विचार होकर रणनीति बनेगी। इस बीच साढ़े चार घंटे चली कांग्रेस CWC की बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की तरफ से इस्तीफे की भी पेशकश की चर्चा भी पता चली है लेकिन बैठक में मौजूद सभी नेताओं ने इसे ठुकरा दिया और कहा कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में सभी कांग्रेसजनों का भरोसा कायम है।
कांग्रेेस नेताओं का मानना था कि इस्तीफों से कांग्रेस का कार्यकर्ता और हताश होगा। सभी कार्यकर्ताओं के बीच फिलहाल इस संदेश की जरूरत है कि पार्टी इस हार के बावजूद भी पूरी ताकत के साथ मुकाबले के लिए तैयार है। CWC की बैठक के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बैठक में मौजूद सभी नेताओं ने सोनिया गांधी के नेतृत्व पर भरोसा जताया है। सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव समेत अगले सभी विधानसभा चुनाव में चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि सोनिया गांधी के नेतृत्व पर सभी को भरोसा है। वह पार्टी का नेतृत्व करती रहेंगी। बैठक में पार्टी को मजबूत करने की रणनीति पर चर्चा हुई। वहीं, कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान कांग्रेस हेडक्वाटर्स के बाहर कार्यकर्ता जमा हुए और उन्होंने राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर नारेबाजी की। इसके साथ ही उन्होंने प्रियंका गांधी के समर्थन में भी नारे लगाए।