बिश्नोई समाज की पहल : सावों की धूम के बीच टीम बनाकर दिया समाज सुधार व पर्यावरण संरक्षण का संदेश

शिक्षकों की मुहिम ला रही है रंग ,चाय तक नहीं पिलाई,जुठन न के बराबर व एक भी सिंगल यूज प्लाष्टिक यूज नहीं हुई

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। बिश्नोई समाज से जुड़े शिक्षक टीम प्रभारी ओमप्रकाश विश्नोई कानासर ने बताया कि बीते शनिवार प्रेम नगर, दादा पोता पार्क में मुक्ता प्रसाद में आयोजित वर्षा के घटु निवासी प्रेमचंद कड़वासरा के पुत्र के विवाह सम्मारोह में नशे की मनुहार नहीं करने व सिंगल यूज प्लाष्टिक का प्रयोग नही करने की शर्त पर वरिष्ठ अध्यापक इंग्लिश ओम प्रकाश कानासर,मोरिया प्रधानाचार्य हेतराम सियाग,वरिष्ठ अध्यापक (गणित)श्रवण ख़िदरत,नोखा विधायक के PSO कमांडो श्री भगवान सियाग,शिक्षिका संतोष सियाग,शुभ कीर्ति सियाग, वरिष्ठ अध्यापक इंग्लिश मोहनराम कालीराणा,वरिष्ठ अध्यापक गणित मदन पलीना ,स्टेड अवार्डी शिक्षक पेमाराम राणेरी, RPSC टॉपर व उप प्रधानाचार्य हंसराज खीचड़ ,शिक्षक कृष्ण कुमार थानवी, शिक्षक गंगाराम सिहड़ा,वरिष्ठ अध्यापक( इंग्लिश)सोहनराम ईशरवाल,भरमलराम भाखरी,वरिष्ठ अध्यापक( गणित)जसराज ईशरवाल,वरिष्ठ अध्यापक (गणित)श्रवण सारण मॉडल स्कूल बाप आदि शिक्षक टीम पर्यावरण टीम के सहयोग से पर्यावरण संरक्षण प्रदर्शनी लगाकर ताम्बे के लोटों से जलपान करवाया तथा सम्पूर्ण कार्यक्रम को जुठन मुक्त रखा , दूल्हा दुल्हन को कपड़े की थैली , पेड़ भेंटकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। तथा लोगों से बालविवाह रोकने व समाज में शिक्षा पूर्ण करने के बाद सामूहिक विवाह आयोजित करने की अपील की व बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ अभियान पर विशेष फोकस देकर लोगों से हाथ में ताम्बे का कलश रखकर बालविवाह नहीं करवाने का संकल्प व शपथ दिलवाई।
महिलाओं ने इस मुहिम की विशेष सरहाना करते हुए पूर्ण सहयोग करने का पक्का भरोसा दिलाया।
इस अवसर पर जैतारण एसडीएम श्याम सुंदर गोदारा,डॉ नरेंद्र डारा, वकील कृष्ण बेनीवाल,युवा भामाशाह अनुरुद्ध धारणियां, एईएन गोमती सियाग आदि अनेक प्रबुद्धजनों व गणमान्य नागरिकों की गरिमामयी उपस्थिति रही थी। तथा ग्रामीणों व शहरी लोगों ने पर्यावरण टीम की विशेष सराहना की।
शिक्षक पर्यावरण टीम जिला फलौदी ने अन्तरंष्ट्रीय पर्यावरण विद खमुराम विश्नोई की प्रेरणा से दिल्ली व मध्यप्रदेश सहित जयपुर, बीकानेर, अजमेर, पुष्कर, जालौर, जैसलमेर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर, नागौर, पाली आदि कई जगह पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को पहुंचा चुके है।
राजकीय अवकाश व बड़ी सभाओं में आकस्मिक अवकाश लेकर भी पहुंचाते है पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हैं।