मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत मिला उपचार – सफल इम्प्लांट के बाद बालक के पिता ने जताया मुख्यमंत्री का आभार

कॉकलियर इम्प्लांट से लौटी मासूम जसित की बोलने-सुनने की क्षमता

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना लोगों के जीवन में आशा और सुख का उजाला भर रही है। हाल ही, बोलने-सुनने की समस्या से ग्रस्त 7 वर्षीय बालक जसित वर्मा का निःशुल्क कॉकलियर इम्प्लांट किया गया, जिसके बाद वह आसानी से सुन और बोल सकता है। जसित के उपचार के लिए 5 लाख रुपए मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना और 5 लाख रुपये मुख्यमंत्री सहायता कोष से दिये गये।
 राजधानी जयपुर के मालवीय नगर निवासी जसित के पिता सुधीर वर्मा ने बताया कि 17 नवंबर, 2015 को उन्होंने जब पहली बार अपने बेटे को गोद में लिया तो वे खुशी से फूले नहीं समा रहे थे। लेकिन नौ महीने गुजरते गुजरते यह खुशी चिंता में बदलने लगी, जब जसित उनकी बातों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता था।
सवा साल की आयु में समस्या का पता चला
सुधीर को डर सताने लगा कि कहीं उनके बेटे को सुनने की समस्या तो नहीं है और इसे लेकर वे ईएनटी के डॉक्टर से मिले। सवाई मानसिंह अस्पताल में उसका हियरिंग टेस्ट (बेरा जांच) करने से पता चला कि बच्चा सुन व बोल नहीं सकता। उस वक्त जसित की उम्र करीब सवा साल थी। टेस्ट से यह भी पता चला कि जसित के बायें कान की सुनने की क्षमता केवल 50 प्रतिशत है और दायें से बिल्कुल भी सुनाई नहीं देता और इसी वजह से वह  बोलना भी नहीं सीख पा रहा था। यह परिवार के लिए एक चिंता का विषय था। आखिरकार, उन्होंने एस.एम.एस. अस्पताल के ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर मोहनीश ग्रोवर से इस बारे में परामर्श लिया। उन्होंने  बताया कि बच्चे का कॉकलियर इम्प्लांट करवा सकते हैं, जिससे बच्चा सुन सकेगा व बोल भी पाएगा। कॉकलियर इम्प्लांट के बारे में डॉक्टर मोहनीश ग्रोवर ने बताया कि यह इम्प्लांट 5 वर्ष तक की आयु तक सर्वाधिक सफल रहता है। इस समय इम्प्लांट से बच्चे के सुनने की क्षमता तो लौटती ही है, लेकिन समय पर स्पीच थैरेपी दिए जाने से उसे बोलना सिखाने में भी आसानी रहती है।
सरकार से मिली 10 लाख रुपये की सहायता
सुधीर ने कॉकलियर इम्प्लांट में होने वाले खर्च की जानकारी ली, तो पता चला कि ऑपरेशन में कम से कम 10 लाख रुपए का खर्च आएगा और प्राइवेट अस्पताल में तो इसके लिए उन्हें 18 से 20 लाख रुपये देने पड़ सकते हैं। सुधीर के लिए यह खर्च वहन करना बहुत ही कठिन था। इस समस्या का समाधान भी डॉ. मोहनीश ग्रोवर ने बताया और उन्हें सरकारी योजनाओं के माध्यम से कॉकलियर इम्प्लांट करवाए जाने की पूरी जानकारी दी। इसमें 5 लाख रुपए की राशि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत मिली और 5 लाख रुपए मुख्यमंत्री सहायता कोष के अंतर्गत प्राप्त हुये। आखिरकार, 7 अगस्त 2020 को वह घड़ी आ गई, जब उनके बच्चे का सफल ऑपरेशन किया गया।
अब बिना अटके बोलता है जसित
सुधीर वर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डॉ. मोहनीश ग्रोवर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह इस संवेदनशीलता के लिए सरकार का तहेदिल से शुक्रिया अदा करते हैं, जिसने उनके बेटे को एक नया जीवन दिया है। जसित अब ना कि सिर्फ सुन सकता है अपितु बिना अटके बोल भी लेता है। इतना ही नहीं, सुधीर ने अब इस योजना और इसके लाभ के बारे में अन्य जरूरतमंद बच्चों के अभिभावकों को इसकी जानकारी देने का जिम्मा भी संभाल लिया है।