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इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण हमारा कर्त्तव्य है। बीकानेर के ऐतिहासिक धरोहरें देश-विदेश में अपनी विशेष पहचान रखती हैं। इन्हें देखने के लिए प्रतिवर्ष हजारों देशी-विदेशी पर्यटक बीकानेर आते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रदर्शनी समय-समय पर आयोजित की जाना चाहिए, जिससे युवाओं को यहां के ऐतिहासिक गौरव की जानकारी मिल सके।
पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के वृत्ताधिकारी महेंद्र निम्हल ने बताया कि प्रदर्शनी में बीकानेर जिले के संरक्षित स्मारक, बीकाजी की टेकरी, लक्ष्मीनाथ मंदिर, राज रतन बिहारी मंदिर, देवी कुंड सागर, रामपुरिया हवेलियों के फोटो प्रदर्शित किए गए। इनके साथ जूनागढ़, भांडाशाह जैन मंदिर, शहरी परकोटे के पांचों दरवाजों के छायाचित्र आमजन के अवलोकनार्थ रखे गए हैं। प्रदर्शनी के दौरान स्कूली विद्यार्थी एवं लाइब्रेरी के पाठक मौजूद रहे।
इस दौरान पुस्तकालय अध्यक्ष विमल शर्मा, मनोहर सिंह, सुमन, शंकर दत्त शर्मा मौजूद रहे।