मुख्यमंत्री ने किया आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व का उद्घाटन : जैव विविधता संरक्षण हम सभी की अहम जिम्मेदारी – मुख्यमंत्री 

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने रविवार को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर मुख्यमंत्री निवास से आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व का उद्घाटन और लोकार्पण किया।
श्री गहलोत ने कहा कि आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व वन एवं वन्यजीव संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। यह एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व पर्यटन स्थल की सौगात प्रदेशवासियों को समर्पित की। उन्होंने कहा कि वन्यजीवों की मानव जीवन में अहम भूमिका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जैव विविधता का संरक्षण हम सभी की अहम जिम्मेदारी है। राज्य सरकार द्वारा वन एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं। राजस्थान अपनी भौगोलिक विषमताओं के बावजूद वन संरक्षण करने में सफल रहा है।
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श्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान अपनी ऐतिहासिक धरोहर, रेगिस्तान के साथ वन्यजीव पर्यटन के रूप में बड़ा स्थान कायम किए हुए है। प्रदेश के लिए शुभ संकेत है कि टाइगर, लेपर्ड और अन्य वन्यजीवों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही हैं।
वन और वन्यजीव की सुरक्षा हमारी प्रतिबद्धता 
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वन और वन्यजीव की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। जैव विविधता को बनाए रखने के लिए वर्ष 2010 में ही राजस्थान जैविक विविधता नियम की अधिसूचना जारी की है। प्रदेश में 3 राष्ट्रीय उद्यान, 27 वन्यजीव अभयारण्य, 16 कंजर्वेशन रिजर्व और 4 टाइगर प्रोजेक्ट हैं। इन सभी के संरक्षण और संवर्धन के लिए अधिक संवेदनशीलता के साथ कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार द्वारा ही इको-टूरिज्म पॉलिसी-2021 लागू की गई है। साथ ही सरिस्का और मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बॉर्डर होमगार्ड लगाकर विशेष बाघ संरक्षण बल की स्थापना की गई है। यह अनूठी पहल है।
इंदिरा गांधी की पहल से प्रोजेक्ट टाइगर की शुरूआत
श्री गहलोत ने कहा कि वर्ष 1972 में पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने वन एवं वन्यजीव संरक्षण में पहल करते हुए ‘प्रोजेक्ट टाइगर‘ की शुरूआत की थी। उसी का परिणाम रहा कि राजस्थान में तीन टाइगर सफारी है। हाल ही राज्य के चौथे टाइगर प्रोजेक्ट के रूप में रामगढ़ विषधारी को विकसित किया गया है।
झालाना की तर्ज पर संभागों में भी वानिकी उद्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन और पर्यावरण संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं। जयपुर के झालाना डूंगरी स्थित विश्व वानिकी उद्यान की तर्ज पर जोधपुर, बीकानेर, कोटा, उदयपुर, भरतपुर और अजमेर में भी वानिकी उद्यान विकसित किए जा रहे हैं।
बाघ संरक्षण में प्रदेश की मिसाल 
श्री गहलोत ने कहा कि प्रदेश के वन क्षेत्रों में लेपर्ड, चीतल, सांभर, हिरण और इको-सिस्टम से जुड़े जीवों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही हैं। उन्होंने कहा कि बाघ संरक्षण में राजस्थान की मिसाल पूरे देश में कायम है। जयपुर का झालाना क्षेत्र बघेरों की वजह से दुनियाभर के पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बन गया है। इससे स्थानीय लोगों का रोजगार और प्रदेश का पर्यटन भी बढ़ा है। झालाना में वर्ष 2017-18 में जहां लगभग 15 हजार पर्यटक आए थे। वहीं, वर्ष 2021-22 में 26 हजार से अधिक पर्यटकों ने भ्रमण किया। इसके अलावा जवाई लेपर्ड रिजर्व में भी पर्यटकों की संख्या बढ़ी है।
समय पर विकसित हो लव-कुश वाटिका
श्री गहलोत ने कहा कि इको-टूरिज्म के लिए प्रत्येक जिले में वन क्षेत्रों के निकट एक-एक इको-टूरिज्म लव-कुश वाटिका विकसित की जा रही है। उन्होंने वन अधिकारियों को इन्हें समय पर विकसित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चूरू के तालछापर अभ्यारण्य में वन्यजीव प्रबंधन प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया गया है। चम्बल घड़ियाल अभ्यारण्य में पर्यटन की दृष्टि से बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।
गोड़ावण के कृत्रिम प्रजनन में मिली सफलता
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य पक्षी गोड़ावण के संरक्षण के लिए केंद्र सरकार, भारतीय वन्य जीव संस्थान और राज्य सरकार में करार से जैसलमेर में गोड़ावण का कृत्रिम प्रजनन शुरू किया गया। इसमें प्रदेश को सफलता मिली है। उन्होंने वन अधिकारियों को वन क्षेत्र बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भू-भाग का एक तिहाई भाग वन क्षेत्र होना चाहिए, इसके लिए विभाग को अधिक ध्यान देना होगा।
वन एवं वन्यजीव संरक्षण में बनाई पहचान
इस अवसर पर वन, पर्यावरण मंत्री श्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि दुनियाभर में राजस्थान ने वन एवं वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र में अपनी पहचान कायम की है। विभाग लगातार प्रयासरत है कि वन क्षेत्र का संरक्षण और संवर्धन हो सके। मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि लेपर्ड कंजर्वेशन में बड़े स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। क्षेत्र के लिए वन और पर्यटन विभाग मिलकर अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें। वन विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री शिखर अग्रवाल ने कहा कि जयपुर विकास प्राधिकरण के सहयोग से आमागढ़ वन क्षेत्र संरक्षण के लिए कार्य कराए गए है। इस सफारी से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और पर्यटन भी बढ़ेगा।
कार्यक्रम में सांसद श्री रामचरण बोहरा, विधायक श्री रफीक खान, श्री खुशवीर सिंह, श्री भरत सिंह कुंदनपुर, श्री किसना राम विश्नोई, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री दीप नारायण पाण्डेय, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री अरिंदम तोमर, राज्य वन्यजीव मंडल सदस्य श्रीमती सिमरत कौर संधू, श्री सुनील मेहता, श्री धीरेन्द्र गोधा, श्री सन्नी सबेस्टियन सहित अरण्य भवन एवं विभिन्न जिलों से वन अधिकारी उपस्थित रहेे।