सुरजेवाला की जुबान फिसली:बोले- चीरहरण सीता मैया का हुआ; अब लोकतंत्र का चीरहरण करने वाले मुंह की खाएंगे

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा उम्मीदवार रणदीप सुरजेवाला की जुबान फिसल गई। द्रौपदी के चीरहरण की जगह वे सीता मैया के चीरहरण का जिक्र कर गए। कहा- जैसे सीता मैया का चीरहरण हुआ, वही लोग अब प्रजातंत्र का चीरहरण करना चाहते हैं। सुरजेवाला गुरुवार दोपहर को जयपुर रवाना होने से पहले उदयपुर के ताज अरावली होटल के बाहर मीडिया से बात कर रहे थे।।

सुरजेवाला बोले- वो लोग हारेंगे, भाजपा प्रजातंत्र के चीरहरण में लगी है। हमने किसान आंदोलन का समर्थन राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए नहीं किया था। राज्यसभा चुनाव को लेकर सुरजेवाला ने कहा- प्रजातांत्रिक बहुमत की जीत होगी। प्रजातंत्र का चीरहरण करने वाले लोग जो धनबल, ईडी, सीबीआई के बल पर यहां आए हैं। वो मुंह की खाएंगे।

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इससे पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
सुरजेवाला के बयान पर इससे पहले भी विवाद हो चुका है। मई 2018 में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तुगलक और उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को औरंगजेब कहा था। इस पर भाजपा ने उन्हें निशाने पर लिया था।

बोले- आमदनी नहीं, दर्द सौ गुना कर दिया
सुरजेवाला ने केंद्र सरकार के कृषि और किसानों को लेकर हुए निर्णय पर भी सवाल उठाए हैं। कहा- मोदी सरकार किसानों से विश्वासघात कर रही है। बुधवार रात जारी कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि मोदी सरकार में किसानों की आमदनी तो दोगुनी नहीं हुई, लेकिन दर्द सौ गुना कर दिया गया।

सुरजेवाला ने कहा- मोदी सरकार ने 2022-23 के खरीफ फसलों के समर्थन मूल्यों को घोषित कर दिया है। बोले- एक तरफ सरकार समर्थन मूल्यों पर फसलों की खरीद नहीं कर रही। दूसरी तरफ महंगाई बढ़ रही।

एमएसपी खत्म करना चाहती है सरकार
सुरजेवाला ने कहा- किसान आंदोलन के चलते जो चीज मोदी सरकार सीधे लागू नहीं कर पाई, इसलिए फैसला किया गया है कि फसल मत खरीदें। ताकि एमएसपी खुद-ब-खुद खत्म हो जाएगी। वे बोले- किसानों की इनकम घटी है। किसान की आय वर्तमान में सिर्फ 27 रुपए प्रतिदिन है। सुरजेवाला ने पार्लियामेंट कमेटी की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि केंद्र सरकार ने कृषि विकास का 68 हजार करोड़ रुपए खर्च नहीं किया। वहीं खेती पर हर साल मोदी सरकार बजट कम करती है।