देश में सर्वाधिक जिप्सम भण्डार राजस्थान में -मिट्टी की उर्वरा क्षमता बढ़ाने क्षारीय भूमि सुधार में उपयोगी है जिप्सम
विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। राज्य में जिप्सम मिनरल के डीलर्स के पंजीयन और ईटीपी प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाते हुए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिवमाइंस, पेट्रोलियम व पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि देश में जिप्सम के सर्वाधिक भण्डार राजस्थान में हैं। तिलहन, दलहन और गेहूं की पैदावार को बढ़ाने के लिए जिप्सम का उपयोग क्षारीय भूमि सुधार और भूमि के पोषक तत्व के रूप में प्रमुखता से किया जाता है। इसके साथ ही अन्य उद्योगों में भी जिप्सम की मांग है।
एसीएस माइंस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य के बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, बाड़मेर, जैसलमेर, चूरू व नागौर आदि में करीब एक हजार मिलियन टन से भी अधिक के जिप्सम के भण्डार है। सामान्यतः सतही होने के कारण सतह से तीन मीटर गइराई तक जिप्सम के खनन को गैर खनन गतिविधि घोषित होने से इसके लिए पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति की भी आवश्यकता नहीं है।
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डॉ. अग्रवाल ने बताया कि पारदर्शी व्यवस्था के तहत जिप्सम की खरीद, बिक्री, भण्डारण, वितरण या प्रसंस्करण, डीलरशीप के लिए ऑनलाइन पंजीयन व ईटीपी की व्यवस्था की गई है। अब नए पंजीयन के लिए कोर्डिनेट्स के साथ स्टॉक यार्ड का मय खसरा रिकॉर्ड के लोकेशन मेप, स्टॉक यार्ड की भूमि का पट्टा या रेंट एग्रीमेंट, यदि यार्ड में जिप्सम भण्डारित हो तो उसकी मात्रा व दो हजार रूपये के आवेदन शुल्क के साथ विभागीय वेबसाइट पर आवेदन किया जा सकता है। पहले से पंजीकृत डीलर को आवेदन शुल्क तो जमा नहीं कराना पडेगा पर अन्य आवश्यक दस्तावेज के साथ ऑनलाइन आवेदन करना होगा। एक साल की अवधि के लिए पंजीयन प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा और सालाना फीस 25 हजार रूपये होगी।
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एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि खनिज जिप्सम के परिवहन के लिए डीलर को राज्य सरकार के पोर्टल पर एसएसओ आईडी बनानी होगी। पंजीयन के बाद ईटीपी जारी करने से पहले पीओपी /प्रोसेसिंग यूनिट धारक को स्टॉक यार्ड पर उपलब्ध रॉयल्टी पेड खनिज की मात्रा स्वघोषणा के रूप में ऑनलाइन इन्द्राज करना होगा। ईटीपी जारी करने से पहले खनिज वाहनों का विभागीय ऑनलाइन व्हीकल मास्टर्स में परिवहन विभाग द्वारा जारी पंजीयन पत्र के अनुसार करना होगा। इसके साथ ही परिवहन मार्ग के विभागीय तुला यंत्रों को सलेक्ट करते हुए लिंक करना होगा। ईटीपी प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि डीलर द्वारा जिप्सम के परिवहन करते समय खनिज की अन कन्फर्म ईटीपी जारी की जाएगी जो तीन घंटें में निकटतम विभागीय एम्पैनल्ड तीन तुला कांटों में से किसी पर वास्तविक वजन कराने पर कन्फर्म ईटीपी जनरेट होगी जिसकी ओटीपी संबंधित वाहन चालक को एसएमएस से मिलेगी। इसमें खनिज की मात्रा का स्वतः इन्द्राज होगा। चैकिंग के समय वाहन चालक के मोबाइल पर प्राप्त एसएमएस मान्य होगा और जांच में पुनः तुलाई पर 5 प्रतिशत तक का अंतर मान्य होगा। किसी भी तरह की अनियमितता पाये जाने पर डीएक्टीवे़ट किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि दो से अधिक बार अनियमितता के आधार पर डीएक्टीवेट की स्थिति मे पंजीयन निरस्त किया जा सकेगा।
निदेशक माइंस श्री कुंज बिहारी पण्ड्या ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार विभाग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देशों के आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इससे व्यवस्था आसान होने के साथ ही ऑन लाइन व्यवस्था के कारण पारदर्शिता भी आएगी। उन्होंने निदेशक श्री पण्ड्या ने बताया कि विभाग द्वारा खनन गतिविधियों को आसान व पारदर्शी बनाने के लिए निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं और जिप्सम के संबंध में जारी यह निर्देश इस दिशा में बढ़ता कदम है।
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