आवासन मंडल की बड़ी कार्रवाई : प्रताप नगर में 200 करोड रूपये की भूमि अतिक्रमण मुक्त

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। आवासन आयुक्त श्री पवन अरोडा के निर्देश पर राजस्थान आवासन मण्डल की टीम ने प्रतापनगर के सेक्टर-23 में बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 23 हजार वर्गमीटर बेशकीमती भूमि को अतिक्रमण मुक्त करा लिया। इस भूमि का वर्तमान बाजार मूल्य करीब 200 करोड़ रूपए आंका जा रहा है। आवासन आयुक्त ने मंडल अधिकारियों को योजना बनाकर भूमि का समुचित निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि मण्डल ने महल रोड एवं प्रतापनगर चौपाटी के पास खसरा संख्या 304, 305, 307, 308, 309, 319/339, 319/340, 319/341 तथा 319/342 कुल रकबा 18 बीघा 11 बिस्वा को अवाप्त कर अवार्ड खातेदारों के नाम जारी किया था। इसमें से करीब 9 बीघा एवं 5.5 बिस्वा भूमि पर कुछ खातेदारों ने अतिक्रमण कर रखा था। विगत दिनों आवासन आयुक्त ने मौका स्थल का निरीक्षण कर मंडल के अधिकारियों को पूरी तैयारियों के साथ भूमि अतिक्रमियों से मुक्त कराने के निर्देश दिए थे। जिसकी अनुपालना में मंडल की टीम ने यह कार्रवाई की।

जेसीबी से ध्वस्त किये अवैध निर्माण, लगाये मालिकाना सम्पत्ति के बोर्ड

आवासन आयुक्त के निर्देश पर अतिरिक्त मुख्य अभियंता प्रथम श्री अमित अग्रवाल, जयपुर वृत्त प्रथम के उप आवासन आयुक्त श्री के.सी. ढ़ाका, आवासीय अभियन्ता श्री सुभाष यादव, श्री आर.सी. बुढानिया, श्री भगवान सहाय, श्री रोहित सिंह के साथ मण्डल के विभिन्न खण्डों की संयुक्त टीम ने मौके पर खड़े रहकर भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाया। मण्डल की टीम ने जेसीबी से अवैध निर्माण को ध्वस्त करवाकर वहां मण्डल के मालिकाना हक की भूमि के बोर्ड लगा दिये। मौके पर एक निजी कंपनी का टेलीफोन नेटवर्क टावर स्थापित पाया गया जिसे सील कर दिया गया है।

पुलिस कमिश्नर का जताया आभार

इस सम्पूर्ण कार्यवाही में सहयोग के लिए आवासन आयुक्त ने जयपुर पुलिस कमिश्नर श्री आनंद श्रीवास्तव का आभार व्यक्त किया है। पुलिस कमिश्नरेट की ओर से इस कार्रवाई के दौरान प्रतापनगर एवं सांगानेर थाना पुलिस को अतिरिक्त जाब्ता उपलब्ध कराया गया।

अब तक एक लाख वर्गमीटर भूमि अतिक्रमण मुक्त

उल्लेखनीय है कि आवासन मंडल अधिनियम में करीब 2 वर्ष पूर्व किये गये महत्वपूर्ण संशोधन से मंडल को पहली बार अतिक्रमण हटाने का अधिकार मिला है। इसके बाद आवासन मंडल द्वारा अब तक करीब 1 लाख वर्ग मी. से अधिक की मूल्यवान भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाया जा चुका है।