विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। राज्य में खान सुरक्षा अभियान के तहत शुरुआती दौर में 29 जनवरी तक विभागीय अधिकारियों द्वारा 164 माइंस का निरीक्षण किया गया। वहीं व्यवस्थाओं में सुधार के लिए माइंसधारकों को नोटिस जारी कर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
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अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में 23 जनवरी से एक माह का खान सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग खनन परिसरों में खान सुरक्षा मानकों की शत-प्रतिशत पालना सुनिश्चित कराने और खनन कार्मिकों के स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति गंभीर है और उसी की पालना सुनिश्चित कराने के लिए अभियान के दौरान अधिकारियों को माइंस का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं।
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डीएमजी माइंस श्री संदेश नायक ने बताया कि अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के दौरान अन्य खान सुरक्षा मानकों की पालना के साथ ही खान अधिनियम के अनुसार खनिक श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए पेयजल व्यवस्था, शौचालय, चिकित्सकीय उपकरण आदि की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के भी निर्देश दिए गए है।
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अभियान के दौरान सर्वाधिक 8 खानों का निरीक्षण सहायक खनिज अभियंता सवाई माधोपुर श्री गौरव मीणा और सहायक खनिज अभियंता आमेट श्री राकेश काठोड ने किया। अभियान शुरुआत के दौरान 29 जनवरी तक उदयपुर वृत में सर्वाधिक 24, अजमेर में 22, जोधपुर और कोटा वृत में 21-21, राजसमंद व भीलवाड़ा वृत में 17-17, बीकानेर वृत में 16, जयपुर वृत में 14 और भरतपुर वृत में 12 माइंस का निरीक्षण किया गया है।
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गौरतलब है कि अभियान के दौरान जोन, वृत, खण्ड, उपखण्ड अधिकारियों व सतर्कता अधिकारियों द्वारा खनिज खनन/उत्पादन करने वाले कम से कम 15 खनन पट्टों/30 क्वारी लाइसेंस क्षेत्रों का निरीक्षण कर खनन सुरक्षा नियमों व प्रावधानों की पालना सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं। नियमानुसार सुरक्षित एवं वैज्ञानिक विधि से खनिक श्रमिकों के स्वास्थ्य मानकों को ध्यान में रखते हुए खनन गतिविधियां संचालित करना जरुरी है। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण, खनन क्षेत्र की सीमांकन, खनन गतिविधियों के सुपरविजन के लिए क्वालीफाईड व्यक्ति को नियोजित किया जाना आवश्यक है। अभियान के दौरान सुरक्षा मानकों की सख्ती से पालना सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं। नियमों की अवहेलना या सुरक्षा मानकों की पालना नहीं करने पर माइनिंग गतिविधियां बंद कराने जैसे अप्रिय कदम उठाए जा सकते हैं।