विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग एवं वाणिज्य श्रीमती वीनू गुप्ता ने कहा कि डेल्फिक मूवमेंट कला से जुडे़ प्रतिभाशाली युवाओं को सशक्त मंच उपलब्ध करवा रहा है। वे गुरूवार को जवाहर कला केन्द्र के रंगायान सभागार में राजस्थान डेल्फिक खेलों के उद्घाटन सत्र को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थी। श्रीमती गुप्ता ने कहा कि राजस्थान कला एवं संगीत क्षेत्र में समृद्ध है। यहां सरकार एवं निजी संथाओं को मिलकर कला एवं संस्कृति को और समृद्ध बनाने के निरंतर प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य में डेल्फिक मूवमेंट एक उभरती हुई ताकत के रूप में प्रदर्शन कर रहा है। श्री गुप्ता ने इच्छा जताई कि काउंसिल जिला स्तर पर भी ऎसी गतिविधियां आयोजित करें, जिससे जमीनी स्तर पर कला से जुडे़ लोगों को भी एक विश्वसनीय मंच उपलब्ध हो।
डेल्फिक काउंसिल राजस्थान की अध्यक्ष और प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता श्रीमती श्रेया गुहा ने कहा कि राजस्थान विश्व का पहला राज्य है जो क्षेत्रीय स्तर पर डेल्फिक खेलों का आयोजन कर रहा है। हर्ष का विषय यह है कि इस आयोजन में होनहार कलाकार बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे है। श्री गुहा ने उम्मीद जताई कि राजस्थान में आयोजित हो रहे गेम्स मॉडल के रूप में उभरेंगे और नेशनल गेम्स में भाग लेने वाले कलाकार अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन करेंगे। अन्तर्राष्ट्रीय डेल्फिक काउंसिल के महासचिव श्री रमेश प्रसन्ना ने अपने उद्बोद्धन में काउंसिल की गतिविधियों व उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि संतुलन और सद्भाव डेल्फिक मूवमेंट की मुख्य भावना रहे हैं। इंडियन डेल्फिक काउंसिल के अध्यक्ष और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी श्री एन.एन. पांडे ने कहा कि समाज में अब तक कई बदलाव आ चुके है और कला-संस्कृति में नए आयाम जुड़ते जा रहे हैं। डेल्फिक मूवमेंट के माध्यम से इसे एक सशक्त आवाज मिल रही है।
इससे पहले अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती गुप्ता, डेल्फिक काउंसिल राजस्थान की अध्यक्ष और प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गुहा, अलवर कलक्टर एवं काउंसिल के महासचिव श्री जितेन्द्र सोनी, अन्तर्राष्ट्रीय डेल्फिक काउंसिल के महासचिव श्री प्रसन्ना, इंडियन डेल्फिक काउंसिल के अध्यक्ष श्री पांडे ने रंगायान सभागार में द्वीप प्रज्जवलित कर गेम्स की शुरूआत की।
नृत्य धारा ने दर्शकों का मोहा मन
रंगायान सभागार में ओडिशा की नृत्यांगना पद्मश्री श्रीमती रंजना गौहर के ग्रुप ने नृत्य धारा की मनमोहक प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति में भारतीय शास्त्रीय नृत्य कलाओं-कथक, ओडिसी, छऊ और मार्शल आर्ट का संगम देखने को मिला। नृत्य धारा भारत की सांस्कृतिक विरासत को श्रृद्धा सुमन अर्पित करने का एक माध्यम है। प्रस्तुति में देश के प्रति प्रेम नृत्य की भाव-भगिंमा से दर्शाया गया।