शिक्षा जितनी गहरी और व्यापक होगी, समाज उतना ही संपन्न होगा :श्री कलराज मिश्र, माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति
आरटीयू की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आने वाली कई पीढ़ियों को करेगी प्रेरित : प्रो. वी.के. जैन, पूर्व कुलपति
विद्यार्थी अच्छे इंजीनियर के साथ बने अच्छे नागरिक : प्रो. एसके सिंह, कुलपति
विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा द्वारा 12वाँ दीक्षांत समारोह यू.आई.टी. ऑडिटोरियम, श्रीनाथपुरम, कोटा में आयोजित किया गया। समारोह की अध्यक्षता माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र तथा सम्मानित अतिथि तेजपुर विश्वविद्यालय, असम के पूर्व कुलपति प्रो. (डॉ.) वी.के. जैन थे। इस अवसर पर माननीय राज्यपाल श्री मिश्र 106 विद्यार्थियों को डिग्रीयां व 28 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए एवं दीक्षांत समारोह के सफल आयोजन के लिए विश्वविद्यालय और सभी डिग्री तथा स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई व उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं प्रदान की। इस अवसर पर माननीय राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने विधार्थी गतिविधि केंद्र का वर्चुअल शिलान्यास भी किया। 12वें दीक्षांत समारोह में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा के विभिन्न सम्बद्ध महाविद्यालयों के निदेशक/प्राचार्य, विश्वविद्यालय प्रबन्ध मण्डल एवं विद्या परिषद के सदस्यगण, अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, राजभवन से पधारे अधिकारीगण, विश्वविद्यालय के समस्त अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, कार्यालयाध्यक्ष, कुलसचिव, समस्त अधिकारी एवं कर्मचारीगण, संकायसदस्य, शिक्षकगण, शिक्षाविद, विद्यार्थी व उनके अभिभावकण, प्रशासनिक अधिकारीण, गणमान्य नागरिक, मीडिया के प्रतिनिधिगण एवं आमंत्रित विशिष्ठ अतिथिगणों ने शिरकत की।अंत में राष्ट्रगान के साथ दीक्षांत समारोह का समापन हुआ।
12वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने कहा कि दीक्षांत समारोह शिक्षा का अंत नहीं बल्कि शुरूआत है। ऐसी शुरूआत जिसके अंतर्गत सीखे हुए ज्ञान का उपयोग विद्यार्थी भावी जीवन के निर्माण के लिए, समाज और राष्ट्र के उत्थान के लिए करता है। जीवन और समाज को बेहतर बनाने का महत्वपूर्ण साधन शिक्षा ही है। हमारी शिक्षा केवल पाठ्यपुस्तकों और कक्षाओं तक सीमित नहीं रहे। सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के इस युग में शिक्षा का प्रसार सुदूर क्षेत्रों और सभी वर्गों तक हो ताकि हम बेहतर समाज का निर्माण करने में सक्षम हो सके। किसी भी देश की प्रगति में वहां के इंजीनियर्स की भूमिका अग्रणी होती है। शिक्षा के लोकतंत्रीकरण को बगैर प्रौद्योगिकी की समझ के सफलीभूत नहीं किया जा सकता है। इस दौर में देश के लिए कुशल जनशक्ति का आधार भी तकनीकी शिक्षा ही प्रदान कर सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि तकनीकी शिक्षा के विकास के लिए सभी स्तरों पर प्रभावी प्रयास किए जाएं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का कहना था कि “शिक्षा जितनी गहरी और व्यापक होगी, समाज उतना ही संपन्न होगा” हमारे देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा के मूलभूत ढांचे में परिवर्तन किया गया है। इंजीनियरिंग की शिक्षा में विद्यार्थिओं को मानवीय मूल्यों की शिक्षा देना व उसको नवाचार हेतु प्रेरित करने के लिए स्किल डवलपमेंट के क्षेत्र में कार्य किए जाने के लिए विशेष जोर दिया गया है।
12वें दीक्षांत समारोह के सम्मानित अतिथि अतिथि प्रो. वी.के. जैन, पूर्व कुलपति, तेजपुर विश्वविद्यालय,असम ने दीक्षान्त भाषण प्रदान करते हुए कहा कि सम्पूर्ण देश में आरटीयू गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जाना जाता है जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। आज बारहवीं के दीक्षांत समारोह में जो विद्यार्थी डिग्री प्राप्त कर रहे हैं उनके लिए यह बहुत खुशी और उत्साह का क्षण है। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में आपने जो ज्ञान, प्रशिक्षण और मूल्य प्रणाली हासिल की है, उससे आप आत्मविश्वास के साथ दुनिया का सामना कर पाएंगे। डिग्री प्राप्त करने के बाद आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़े। जिन विद्यार्थियों ने आज आपने जो डिग्री प्राप्त की है, वह उनके सपनों को साकार करने के लिए सशक्त करेगी, डिग्री प्राप्त करने के बाद विद्यार्थी विभिन्न विकल्पों के साथ नए अवसर की तलाश करेंगे।प्रत्येक नई पीढ़ी ज्ञान के साथ आगे बढ़ती है। यहां नेल्सन मंडेला के शब्दों को याद करना उचित है, “शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं”। विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों के लिए हर विषय में पाठ्यक्रम को नियमित रूप से अपडेट करना महत्वपूर्ण है।
Exclusive interview of Lokesh Sharma, OSD, CM Rajasthan with Vinay Express
12वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए माननीय कुलपति प्रो.एसके सिंह ने दीक्षांत समारोह में माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति महोदय श्री कलराज मिश्र के आगमन एवं सानिध्य के लिए विश्वविद्यालय परिवार के ओर से हार्दिक आभार प्रकट किया। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय का प्रगति विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा की राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय सभी सम्बद्ध महाविद्यालयों का विकास एवं छात्रों की शिक्षा को रोजगारपरक एवं गुणवत्तापूर्ण बनाने हेतु लगातार प्रयास कर रहा है, जिससे राज्य के शिक्षक एवं छात्र तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में सम्पूर्ण भारत ही नहीं वरन् विश्व पटल पर अपनी पहचान कायम कर सके। इस हेतु गत वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय प्रयास तथा नवाचार किये गये है। प्रो.एसके सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आपके जीवन की नयी शुरूआत है। आपको अपने जीवन में अनेकों चुनौतियों और समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। आपने यहां जो शिक्षा, कौशल व दक्षता अर्जित की है उसके द्वारा उन चुनौतियों का सामना करें एवं समस्याओं के समाधान प्रस्तुत करें। मैं अपेक्षा करता हूं कि आप न केवल अपने आपको एक अच्छा इंजीनियर, प्रबंधक या आर्किटैक्ट साबित कर पायें बल्कि समाज में एक अच्छे नागरिक के रूप में भी पहचान बना कर अपनी क्षमता, कार्यकुशलता का प्रदर्शन करें एवं नये भारत के निर्माण में अपना अमूल्यक योगदान प्रदान करें। उन्होंने डिग्री तथा स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को बधाई व शुभकामनाएं प्रदान की।
21567 डिग्रियों और गोल्ड मेडल्स का किया गया वितरण
-12वें दीक्षांत समारोह के दौरान इस वर्ष कुलाधिपति स्वर्ण पदक एमटेक (स्ट्रक्चरल इंजीनियंरिंग) विद्यार्थी प्रज्ञा महेश्वरी एवं कुलपति स्वर्ण पदक बीटेक (कम्प्यूटर साईन्स एन्ड इंजीनियरिंग) विद्यार्थी त्रिशा विश्वास को प्रदान किया गया ।
-12वें दीक्षांत समारोह के दौरान इस वर्षस्वर्ण पदक की श्रेणी में बीआर्क 1, बीटेक 14, एमटेक 11,एमबीए 1, एमसीए 1 पाठ्यक्रम सहित कुल 28 स्वर्ण पदक।
-12वें दीक्षांत समारोह में इस वर्ष बीआर्क 194, बीबीए 1,बीएचएमसीटी 9,बीटेक 19320, एमबीए 1265, एमसीए 535,एमटेक 221,एमार्क 1,पीएचडी 21 पाठ्यक्रम सहित कुल 21567 विद्यार्थियों को दीक्षा प्रदान की गई तथा इसी दिन विश्वविद्यालय के सभी सम्बद्ध महाविद्यालय इन छात्रों को विशेष कार्यक्रम आयोजित कर उपाधियों को संबंधित छात्र को वितरित किए।
-12वें दीक्षांत समारोह के दौरान इस वर्ष बीआर्क 5, बीटेक 55,एमटेक 32,एमबीए 5, एमसीए 6,पीएचडी 21 पाठ्यक्रम सहित कुल 124 डिग्रीयां।