विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री प्रवीण गुप्ता ने कहा कि इलेक्ट्राॅनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की प्रथम स्तरीय जांच (एफएलसी) के साथ ही निर्वाचन विभाग द्वारा प्रदेश में इस वर्ष के अंत तक प्रस्तावित विधानसभा चुनाव की तैयारियों की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी चुनाव के लिए ईवीएम की प्रथम स्तरीय जांच जरूरी है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी सोमवार को हरीशचंद्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान में ईवीएम-वीवीपेट की प्रथम स्तरीय जांच के प्रशिक्षण के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में भारत निर्वाचन आयोग के प्रतिनिधि के रूप में श्री एस सुंदरराजन, निदेशक, ईवीएम तथा श्री ओ पी साहनी अवर सचिव, सभी जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी (जिला कलेक्टर), उप जिला निर्वाचन अधिकारी, एफएलसी सुपरवाइजर/ ईवीएम जिला नोडल अधिकारी एवं 4 राज्यों के ईवीएम नोडल अधिकारी उपस्थित थे।
श्री गुप्ता ने बताया कि कार्यशाला में प्रशिक्षण के बाद जिला स्तर पर 15 मई से 5 जून तक जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा ईवीएम की एफएलसी का कार्य किया जाएगा। इस दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे।
युवा मतदाताओं को दी जाएगी ईवीएम की जानकारी
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में पिछले 5 वर्षों में लगभग 75 लाख नए मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में जुड़ा है। नए एवं युवा मतदाताओं को मतदान के अनुभव एवं मतदान प्रक्रिया की जानकारी देने के लिए ईवीएम अवेयरनेस मशीन का जिलों में प्रदर्शन किया जाएगा। श्री गुप्ता ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को जिले के स्कूलों-महाविद्यालयों एवं सार्वजनिक स्थलों पर ईवीएम मशीन के प्रदर्शन के निर्देश दिए।
कार्यशाला में प्रतिभागियों को ईवीएम मशीन की तकनीकी जानकारी प्रदान की गई। साथ ही जिला स्तर पर सुरक्षा, एफएलसी के दौरान की जाने वाली प्रमुख गतिविधियों, सामान्य गलतियों, एफएलसी का सजीव प्रदर्शन, ईवीएम- वीवीपेट का हैंड्स ऑन अनुभव दिया गया। उल्लेखनीय है कि ईवीएम से तात्पर्य बैलेट यूनिट (बीयू), कंट्रोल यूनिट (सीयू) और वीवीपेट से है। जिला स्तर पर की जाने वाली एफएलसी के दौरान प्रदेश में कुल 64,626 बैलेट यूनिट, 64,626 कंट्रोल यूनिट और 69,791 वीवीपीएटी मशीनों की जांच की जाएगी।