विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग श्रीमती शुभ्रा सिंह ने निर्देश दिए हैं कि फील्ड से यह शिकायत प्राप्त नहीं होनी चाहिए कि कोई चिकित्सक मरीज से बाहर से दवा मंगवा रहे हैं या बाहर से जांच करवा रहे हैं। श्रीमती सिंह बुधवार को स्वास्थ्य भवन में सभी संयुक्त निदेशकों, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों तथा डिप्टी सीएमएचओ से फीडबैक प्राप्त करने के लिए आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि सरकार के संस्थानों में पर्याप्त दवाइयां और जांचें उपलब्ध है जो सभी प्रदेशवासियों के लिए पूर्णतः निःशुल्क है। ऐसे में मरीज से बाहर से दवा मंगवाने एवं बाहर से जांच करवाने का कोई औचित्य नहीं है, यदि कोई शिकायत मिलती है तो संबंधित के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी।
जनहित से जुड़े निर्माण कार्यों के लिए आरएमआरएस फंड का इस्तेमाल करें
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि राजकीय चिकित्सा संस्थानों में जनता के हितों से जुडी सुविधाओं के विस्तार के लिए आरएमआरएस फंड का सदुपयोग करें ताकि संस्थानों की व्यवस्थाएं सुचारू एवं दुरूस्त रहें। उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर से समन्वय स्थापित कर डीएमएफटी फंड का इस्तेमाल चिकित्सा संस्थानों के विस्तार के लिए करें। उन्होंने नवसृजित जिलों में चिकित्सा संस्थानों के लिए यथाशीघ्र भूमि चिन्हित करवाकर भूमि आवंटन की प्रक्रिया को पूरा करवाने के निर्देश संबंधितों को दिए।
उत्कृष्ट संस्थानों की संख्या 101 से बढ़ाकर 1000 करें
श्रीमती सिंह ने कहा कि प्रदेश के 101 संस्थानों को भारत सरकार से गुणवत्ता प्रमाण-पत्र प्राप्त हो चुका है, लेकिन यह आंकड़ा हमारे प्रदेश के लिए नाकाफी है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने जिलों में टीमवर्क करते हुए इस 101 के आंकडे को इस वर्ष बढ़ाकर 1000 करवायें। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, मुख्यमंत्री निःशुल्क निरोगी राजस्थान योजना सहित महत्वपूर्ण योजनाओं की प्रगति जानी एवं फील्ड आने वाली किसी भी प्रकार की समस्याओं के संबंध में फीडबैक भी प्राप्त किया। उन्होंने निर्देश दिए कि जिले के कोई भी अधिकारी न तो किसी कार्मिक को डेप्यूटेशन पर लगाये और न ही समायोजन करें।
मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने कहा कि सभी अधिकारी अपनी टीम को मजबूत करते हुए निर्धारित मानकों को पूरा करवाकर संस्थानों की गुणवत्ता उत्कृष्ट करें।
इस दौरान संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री गौरव सैनी, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर, निदेशक अराजपत्रित श्री सुरेश नवल सहित संबंधित अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।