प्रमुख शासन सचिव, पशुपालन ने ’’लम्पी रोग आर्थिक सहायता वितरण’’ कार्यक्रम की तैयारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की, प्रत्येक पात्र पशुपालक को लाभांवित करने के दिए निर्देश

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विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। पशुपालन विभाग के प्रमुख  शासन सचिव श्री विकास सीताराम भाले ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत पशुपालकों के हितों के लिए  समर्पण भाव के  साथ नित नई योजनाओं से पशुपालकों को लाभान्वित करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसी दिशा में मुख्यमंत्री ने  दुधारू गोवंशीय पशु की लम्पी रोग से हुई मृत्यु पर पशुपालक को 40 हजार रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा की थी।  उन्होंने कहा कि शीघ्र ही राज्य स्तरीय  आर्थिक सहायता वितरण कार्यक्रम आयोजित कर पात्र पशुपालकों को इस इस योजना में लाभान्वित किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत कार्याक्रम में पशुपालकों के खातों में राशि हस्तांतरित करेंगें।
प्रमुख शासन सचिव गुरुवार को राजधानी स्थित पशुधन भवन में वीडियों कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।  इस दौरान उन्होंने लम्पी रोग से मृत गौवंशीय पशुओं एवं पात्र पशुपालकों की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर कहा कि विभाग के समस्त अधिकारी इस कार्य को मुख्य जिम्मेदारी मानते हुए प्रत्येक पात्र पशुपालक तक इसका लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने पशुपालन विभाग के समस्त जिला अधिकारियों को ’’लम्पी रोग आर्थिक सहायता वितरण’’ कार्यक्रम को जिला स्तर पर अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर पात्र पशुपालकों तक लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करनें के निर्देश दिए हैं।
पशुपालकों का कल्याण ही सर्वाेच्च प्राथमिकता-
इस दौरान श्री भाले नेें कार्यक्रम की तैयारियों का विस्तृत जायजा लेते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि कार्यक्रम में उपस्थित रहने वाले किसी भी पशुपालक को कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए समुचित इंतजाम सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि विभाग के लिए पशुपालकों का कल्याण ही सर्वाेच्च प्राथमिकता है और प्रत्येंक अधिकारी कर्मचारी को इसे  मध्यनजर रखते हुए ही कार्य संपादन किया जाना चाहिए।
इस दौरान पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. भवानी सिंह राठौड़, राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. एन. एम. सिंह। उप शासन सचिव श्रीमती कश्मी कौर, वित्तीय सलाहकार श्री मनोज शांडिल्य सहित  अन्य उच्च अधिकारी मौजूद रहे।