महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों का प्रिंसिपल्स कॉन्क्लेव, चुनौतियों को अवसर में बदल एमजीजीएस की ब्रांड वैल्यू बढ़ाए-शासन सचिव प्रिंसीपल्स ने प्रजेंटेशंस में बताई बदलाव की कहानी

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा महात्मा गांधी गवर्नमेंट इंग्लिश मीडियम स्कूलों (एमजीजीएस) के ब्रांड को राज्य सरकार की सोच और मंशा के अनुरूप एक नए मुकाम पर ले जाने की एक विशेष पहल के तौर पर शनिवार को जयपुर में राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में एक दिवसीय ‘प्रिंसीपल्स कॉन्क्लेव‘ का आयोजन किया गया। स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन की अध्यक्षता में आयोजित इस कॉन्क्लेव में प्रदेश के सभी जिलों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की करीब तीन दर्जन एमजीजीएस के प्रिंसिपल ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रदेश में इन स्कूलों के जरिए लिखी जा रही बदलाव और नवाचारों की कहानी को बयां किया।
कॉन्क्लेव में अपने सम्बोधन में शासन सचिव श्री जैन ने कहा कि प्रदेश में महात्मा गांधी इंग्लिश माध्यम स्कूलों के प्रिंसिपल और टीचर्स चुनौतियों को अवसर में बदलने के जज्बे के साथ इनकी ब्रांड वैल्यू में निरंतर इजाफा करते हुए क्वालिटी एजुकेशन पर फोकस करे। उन्होंने कहा कि अब तक शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में इंग्लिश मीडियम स्कूलिंग से वंचित रहे तबके के बच्चे और अभिभावक इन विद्यालयों में आशा भरी निगाहों से अवसर तलाश रहे हैं। एमजीजीएस में सभी को समान अवसर प्रदान करते हुए स्टूडेंट्स की ‘डायनेमिक पर्सनेलिटी‘ की बुनियाद रखें। एमजीजीएस में स्कूलिंग इस प्रकार हो कि यहां से निकले बच्चे नैतिक और व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ देश-प्रदेश और दुनिया के सामयिक ज्ञान, एकेडेमिक नॉलेज और कम्युनिकेशन स्किल्स के आधार पर सबसे अलग नजर आए। उन्होंने कहा कि एमजीजीएस के कंसेप्ट से स्कूलों के टीचर्स की सोच में बदलाव आया है, उनमें कुछ हटकर और बेहतर करने की होड़ दिखाई देती है। उनकी बदली बॉडी लेंग्वेज, सोच और समर्पण, व्यक्तित्व तथा व्यवहार में प्रखरता से रिफलेक्ट हो, जिससे इसका प्रभाव स्टूडेंट्स, स्कूल और सोसाइटी में भी नजर आए।
शासन सचिव ने बताया कि प्रदेश में एमजीजीएस ब्रांड के विकास की सोच के साथ विभाग ने गेप्स की पहचान और उनको दूर करने का बीड़ा उठाया है। इन स्कूलों में मैन पॉवर, सॉफ्ट एक्टिविटीज, इंफ्रास्ट्रक्चर एवं अन्य संसाधनों की समीक्षा तथा भविष्य की जरूरतों के आंकलन और समन्वय के लिए इस कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। इसमें प्राचार्यों द्वारा शेयर किए गए अनुभव, सुझाव और नवाचारों को समाहित करते हुए एक डॉक्यूमेंट तैयार होगा, जिसके आधार पर वर्तमान में प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित 2700 से अधिक अंग्रेजी माध्यम स्कूलों एवं आगामी दिनों में नए खोले जाने विद्यालयों में इनोवेशन और सुधार की पहल की जाएगी।
कॉन्क्लेव में विशिष्ट शासन सचिव श्रीमती चित्रा गुप्ता ने कहा कि एमजीजीएस के प्रिंसिपल इस प्रकार के जोश और उत्साह से अपना कर्तव्य निभाए कि इन स्कूलों के स्टूडेंट कॅरियर में कुछ बनने के बाद गर्व के साथ यह कहे कि हमारी स्कूलिंग इन विद्यालयों में हुई है। स्कूल शिक्षा निदेशक श्री कानाराम ने कहा कि महात्मा गांधी स्कूलों में शिक्षकों के पदों को शीघ्र भरने और अलग से रूल्स बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इन स्कूलों में 10 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया अंतिम चरण में है। उप निदेशक श्री रमेश हर्ष ने प्रदेश में एमजीजीएस के समग्र परिदृश्य और आगामी कार्य योजना के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया। कॉन्क्लेव में प्रदेश के सभी जिलों में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों से एक-एक महात्मा गांधी इंग्लिश स्कूलों के प्रिंसिपल, संयुक्त निदेशक कार्यालयों से उप निदेशक (महात्मा गांधी प्रकोष्ठ), सभी जिलों से जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) माध्यमिक के अलावा स्कूल शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, बीकानेर और राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के अधिकारियों ने भी शिरकत की।