विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण एवं सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए जन अनुशासन को व्यापक रूप देने पर बल दिया गया। पॉजिटिव केस की संख्या में कुछ कमी होने के बावजूद अभी संक्रमण दर 15 प्रतिशत से अधिक होने तथा मृत्यु दर भी अधिक होने के कारण लॉकडाउन जैसे सख्त कदमों को जारी रखने पर विचार विमर्श किया गया। मंत्रिपरिषद ने संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए प्रदेश में जन अनुशासन लॉकडाउन को 24 मई से 15 दिन और आगे बढ़ाने का सुझाव दिया।
बैठक में बताया गया कि चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार दूसरी लहर का खतरा अभी टला नहीं है। अस्पताल और चिकित्सा संसाधन अभी भी मरीजों के दबाव का सामना कर रहे हैं। दूसरे देशों के अनुभव बताते हैं कि संक्रमण की दूसरी और तीसरी लहर में ज्यादा अंतर नहीं रहने की आशंका है। ऐसे में लॉकडाउन जैसे कदमों को जारी रखना उचित होगा। विशेषज्ञों ने पहली लहर के बाद कोविड प्रोटोकॉल की पालना में हुई लापरवाही के अनुभव से सबक लेते हुए सख्त कदम जारी रखने और आगामी आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर अभी से तैयारियों में जुटने की सलाह दी है। मंत्रिपरिषद ने विशेषज्ञों की सलाह पर गहनता से विचार करते हुए सख्त कदम अभी कुछ दिन और जारी रखने का सुझाव दिया।मंत्रिपरिषद ने केंद्र सरकार से कोरोना की वैक्सीन की सुचारू आपूर्ति नहीं होने पर चिंता व्यक्त की। सदस्यों ने कहा कि इसके चलते प्रदेशभर में वैक्सीनेशन की गति धीमी हो गई है। इससे कोरोना संक्रमण की प्रभावी रोकथाम और तीसरी लहर का सामना करने में काफी कठिनाई होगी। मंत्रिपरिषद ने वैक्सीन की समुचित आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार के समक्ष पुरजोर तरीके से मांग रखने पर बल दिया। मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने ब्लैक फंगस महामारी पर भी चिंता व्यक्त की और इसको नियंत्रित करने तथा समुचित उपचार के लिए सभी जरूरी कदम उठाने की बात कही।
मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी मंत्रियों द्वारा अगले कुछ दिनों में अपने प्रभार वाले जिलों का दौरा कर वहां संक्रमण की स्थिति और चिकित्सा सुविधाओं के हालात का जायजा लेने की बात कही गई। इसके बाद फिर से बैठक कर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड संक्रमण के कारण जिन परिवारों के कमाने वाले सदस्य की मौत हो गई है अथवा बच्चे अनाथ हो गए हैं, उन परिवारों के लिए राज्य सरकार एक व्यापक सामाजिक सुरक्षा नीति बनाने पर भी विचार कर रही है।
बैठक में मंत्रिपरिषद ने संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए कोविड प्रोटोकॉल की पालना को अधिक प्रभावी बनाने, आईएलआई लक्षणों वाले मरीजों का चिन्हीकरण, मेडिकल किट वितरण, जांच, होम आइसोलेशन एवं उपचार की नियमित निगरानी पर जोर दिया।