डिस्ट्रिक्ट मिनरल डवलपमेंट फण्ड से खनन बहुल क्षेत्रों में 6267 करोड़ से अधिक की 20187 संरचनात्मक विकास परियोजनाएं संचालित – अतिरिक्त मुख्य सचिव, खान एवं भू-विज्ञान विभाग

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। खान एवं भू-विज्ञान विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती वीनू गुप्ता ने बताया  कि डिस्ट्रिक्ट मिनरल डवलपमेंट फण्ड के वित्तीय सहयोग से प्रदेश के खनन बहुल क्षेत्रों में 6267 करोड़ रु. से अधिक की 20187 आधारभूत विकास परियोजनाएं संचालित की जा रही है जिसमें से 12659 परियोजनाएं पूरी कर ली गई है। उन्होंने डीएमएफटी की गवर्निंग काउंसिल की कम से कम छह माह में एक बार बैठकें आयोजित करने के निर्देश देते हुए डीएमएफटी से होने वाले संरचानात्मक कार्य की गुणवत्ता और प्रोपर मोनेटरिंग के निर्देश दिए हैं।

अतिरिक्त मुख्य सचिव खान एवं भू-विज्ञान मंगलवार को वीडियो कॉफ्रेसिंग के माध्यम से खनिज विभाग की समीक्षा बैठक ले रही थीं। उन्होंने बताया कि खनिज बहुल क्षेत्रों में डीएमएफटी से 60 प्रतिशत राशि पेयजल सुविधाओं, पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों, वृक्षारोपण, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, बाल एवं महिला, विशेष योग्यजन और वृद्धजन, कौशल विकास गतिविधियांे और सेनिटेशन आदि में आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए किया जाता है। करीब 40 प्रतिशत राशि सिंचाई, एनर्जी, जल संरक्षण परियोजनाएं आदि संचालित करने का प्रावधान है। इसके साथ ही क्षेत्र में सड़कों का निर्माण के साथ ही सिलिकोसिस पीड़ितों को सहायता राशि उपलब्ध कराई जाती है। श्रीमती गुप्ता ने कार्य की गुणवत्ता, प्रोपर क्रियान्वयन और मोनेटरिंग के लिए जिला स्तर पर प्रोजेक्ट मोनेटरिंग यूनिट गठित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि समय पर मीटिंग व मोनेटरिंग  होने से क्षेत्र की आवश्यकता व कार्यों की गुणवत्ता के अनुसार कार्य हो सकेंगे।
      श्रीमती गुप्ता ने विभागीय उपलब्धियों की सराहना करते हुए अधिकारियों से प्रदेश में राजस्व बढ़ाने के लिए खनिज उत्पादन बढ़ाने और छीजत रोकने के उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने फील्ड अधिकारियों से क्षेत्र के माइनिंग एसोसिएशन प्रतिनिधियों से अनवरत संवाद कायम रखने को कहा ताकि क्षेत्र में आने वाली समस्याओं का समय पर समाधान के साथ ही अवैध खनन पर रोक, खनिजों का वैज्ञानिक दोहन और राजस्व में बढ़ोतरी के समग्र प्रयास किए जा सके।
       निदेशक माइंस श्री संदेश नायक ने बताया कि विभाग द्वारा रोड़मेप बनाकर मेजर व माइनिंग ब्लॉकों की भारत सरकार के ई-पोर्टल के माध्यम से नीलामी की जा रही हैं वहीं खनिज एक्सप्लोरेशन कार्य को गति दी जा रही है। उन्होंने बताया कि अवैध खनन गतिविधियों पर रोक के लिए अधिकारियों को आधुनिक तकनीक का प्रयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।
       डीएमजी श्री नायक ने बताया कि डीएमएफटी में करीब 8270 करोड़ रु. से अधिक राशि उपलब्ध है जिसमें से 6267 करोड़ से अधिक की स्वीकृत राशि के कार्य स्वीकृत किए जा चुके हैं जिसमें से 3741 करोड़ रु. व्यय हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि यह राशि संबंधित खनन क्षेत्रों के लोगों की सुविधा के लिए प्राथमिकता से व्यय की जा रही है।
       श्री नायक ने बताया कि लंबित विधानसभा प्रश्नों, लोकायुक्त प्रकरणों, न्यायिक प्रकरणों में जबावदावा प्रस्तुत करने, मुख्यमंत्री कार्यालय व अन्य स्थानों से प्राप्त प्रकरणों का अभियान चलाकर तय समय सीमा में पूरा कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि विभागीय एमनेस्टी योजना सितंबर तक है ऐसे में संबंधित से व्यक्तिगत संपर्क बनाते हुए अधिक से अधिक राशि वसूलने के प्रयास किए जाए।
       वीसी में संयुक्त सचिव नीतू बारुपाल ने डीपीसी व संस्थापनिय बिन्दुआंें पर प्राथमिकता से कार्यवाही करने को कहा।
       वीसी में ओएसडी श्री महावीर प्रसाद मीणा, जेएलआर श्री गजेन्द्र सिंह, एसजी श्री संजय गोस्वामी, टीए श्रीसतीश आर्य, माइंस विभाग के मुख्यालय व अतिरिक्त निदेशक, एसएमई-एमई आदि अधिकारियों ने हिस्सा लिया।