मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का तंज आखिर अपने ही नेताओं पर क्यों ? कई मंत्री और विधायक परेशान !

 

विनय एक्सप्रेस राजनीतिक समाचार, विशेष संवाददाता, जयपुर। राजनीति में किसी भी बड़े राजनेता के सबसे नजदीकी लोग कभी उसकी ढाल बनते हैं, कभी उसका हथियार बनते हैं, कभी उसकी ताकत बनते हैं, तो अक्सर राजनेता दूसरों को अपनी ताकत दिखाने का हथियार भी उनको बनाते हैं। राजस्थान की राजनीति में यही हुआ। कांग्रेस की हाल ही में गठित पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की पहली बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कुछ मंत्रियों, नेताओं और विधायकों को उनकी जगह दिखानी थी और हर हाल में कम से कम खुद की सीट जीतने का संदेश देना था, तो उसके लिए उन्होंने हथियार के रूप में अपने सबसे करीबी सांसद नीरज डांगी और पूर्व सांसद रघुवीर मीणा को चुना। मुख्यमंत्री ने अपने इन दोनों सबसे करीबी नेताओं को कुछ ऐसा कहा कि गहलोत की बात सुनकर कुछ दागदार मंत्री, अक्षम नेता और कमाने वाले विधायक बेहद परेशान होकर अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतन करने को मजबूर हैं।

मुख्यमंत्री गहलोत हर हाल में फिर से राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनाना चाहते हैं, लेकिन उनकी सरकार के ही कई मंत्री और विधायक अपने आचरण की वजह से फिर से कांग्रेस की सत्ता के आने में मुसीबत बने हुए हैं। कांग्रेस पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में मुख्यमंत्री गहलोत ने इसीलिए सांसद डांगी को सीधे सपाट शब्दों में जैसे ही तीखी बात कही तो अगले ही पल वे मंत्री और नेता सीधे समझ गए कि सांसद डांगी व पूर्व सांसद मीणा के जरिये किस – किस को सीधे सीधे क्या कहा जा रहा है। ज्ञात हो कि कई मंत्री, कुछ नेता और विधायक अपने आचरण से चुनाव तो हार ही रहे हैं, सरकार की छवि को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं, एवं अपने अक्षम रिश्तेदारों के जरिये स्वयं की राजनीति को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, उन सभी नेताओं को मुख्यमंत्री का यह सीधा संदेश था कि कम से कम एक सीट तो जीत लो।

 

मुख्यमंत्री गहलोत अपनों के सहारे दूसरों को कड़क बात कहने के आदी हैं और जानते हैं कि अपना तो अपना ही है, और उसे भी इस बात की समझ है ही कि कहा भले ही उसे जा रहा है, लेकिन संदेश सीधा किसी और को है। वैसे, मुख्यमंत्री मारवाड़ के लिए सांसद नीरज डांगी एवं मेवाड़ में पूर्व सांसद रघुवीर मीणा के सारे काम स्वीकृत करते रहे हैं, इसलिए गहलोत को अच्छी तरह आभास है कि दोनों के नेतृत्व में विकास जबरदस्त हो रहा है, इसीलिए  व मीणा को अपनी अपनी सीट को जिताने की जिम्मेदारी लेने की बात कहकर मंत्रियों को अपने अपने चुनाव क्षेत्र में सीट जीतने का सख्त संदेश दे दिया है। अपने नजदीकी व्यक्तियों के जरिये बोझ बने मंत्रियों, नेताओं और विधायकों पर मुख्यमंत्री बरसे, तो उसके बाद कई विधायक और मंत्री बेहद सकते हैं।