विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर.राजस्थान के प्रत्येक गोपालको को उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अनुदान मिले एवं छत्तीसगढ़ की तर्ज पर गोबर एवं गोमूत्र की खरीद हो ऐसा प्रयास राज्य सरकार कर रही है ।
राजस्थान सरकार के पशुपालन एवं गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने सचिवालय में गौ ग्राम सेवा संघ के प्रदेश पदाधिकारी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि गोबर एवं गोमूत्र का किस तरह से उपयोग हो इस विषय पर सरकार अध्ययन कर रही है । कुमावत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा में घोषणा की है कि गौशाला संरक्षण पर दोबारा समीक्षा होगी एवं नई नीति बनाई जाएगी। राजस्थान सरकार का प्रयास रहेगा की अनुदान की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया जाए एवं निराश्रित गोवंश को आश्रय मिले, इस हेतु ठोस कदम उठाए जाएंगे।
बैठक में गौग्राम सेवा संघ के प्रदेश पदाधिकारी ने गोपालन विभाग में नए पद सृजन करने एवं जिला स्तर पर गोपालन अधिकारी बनाने, गौशालाओं को अनुदान की प्रक्रिया का सरलीकरण करने,गौ तस्तकरी रोकने के लिए अलग से पुलिस चौकिया का गठन करने एवं गौशालाओं के रजिस्ट्रेशन का सरलीकरण करने व जिला पशुपालन विभाग में गौशालाओं के अनुदान की प्रक्रिया में पारदर्शित लाने हेतु वर्षों से जेम गोपालन अधिकारियों को बदलने
एवं जिन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उन्हें हटाने सहित अनेको विषयों पर चर्चा की, बैठक में गौ ग्राम सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष ललित दाधीच, कार्यकारी अध्यक्ष सूरजमालसिंह नीमराना, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कान सिंह निर्बाण, संगठन महामंत्री हनुमानसिंह पालवास, महामंत्री गौशाला राधेश्याम बत्रा, उपाध्यक्ष प्रकाश व्यास, निरंजन सोनी, सत्यनारायण स्वामी, महेंद्र सिंह लखासर, रामजीवन डांगा, हनुमत सिंह जाखण आदि पदाधिकारी ने अपने विचार रखें ।
बैठक के बाद गौशाला का प्रतिनिधि मंडल पंचायती राज के राज्य मन्त्री ओटाराम देवासी जी को ज्ञापन देकर गौशाला के कार्य नरेगा से जोड़ने, गोचर भूमियों का विकास करने, गौशालाओं को भूमि आवंटित करने, गोचर भूमि का सीमांकन करने एवं गोचर पर अतिक्रमण हटाने की मांग की ।
इसके बाद गौ ग्राम सेवा संघ का प्रतिनिधि मंडल वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा से मुलाकात कर उन्हें नई गौशाला स्थापना के साथ, वर्तमान में चल रही गौशालाओं को भी प्रदूषण बोर्ड से पंजीयन करवाने के लिए पर्यावरण विभाग की मंजूरी की अनिवार्यता को समाप्त करने हेतु ज्ञापन दिया ।
गो ग्राम सेवा संघ के पदाधिकारी की गोपालन निदेशालय में निदेशक सुभाष महरिया के सानिध्य में बैठक हुई, जिसमें गौशालाओं से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई एवं विशेष कर गौशाला विकास योजना, नंदी शाला, ग्राम पंचायत स्तर पर पशु शाला- गौशाला, गौशाला का गोपालन 1960 का पंजीयन, वर्तमान अनुदान अति शीघ्र जारी करने आदि व अनुदान की प्रक्रिया का सरलीकरण करने पर भी चर्चा हुई ।