विनय एक्सप्रेस समाचार,जयपुर। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत प्रदेशवासियों को निःशुल्क चिकित्सा बीमा का लाभ लगातार मिल रहा है। योजना की शुरुआत से अब तक 27 हजार से अधिक मरीजों को योजना के अंतर्गत निःशुल्क इलाज से लाभान्वित किया जा चुका है। लगभग 27 करोड़ की राशि के 41 हजार से अधिक क्लेम बीमा कंपनी को अब तक सबमिट किये जा चुके है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी श्रीमती अरूणा राजोरिया ने बताया कि योजना से साधारण बीमारियों के साथ-साथ हार्ट, कैंसर, और न्यूरो से जुड़ी गंभीर बीमारियों में सरकारी और सम्बद्ध निजी अस्पतालों में निशुल्क इलाज मिल रहा है। कोरोना महामारी के उच्च प्रसार में भी योजना के लाभार्थियों को बड़ी राहत मिली। अब तक 8 हजार से अधिक कोरोना उपचार के क्लेम भुगतान हेतु सबमिट किये जा चुके है। इन पैकेजेज में मरीजों को परामर्श शुल्क, नसिर्ंग चार्जेज, बैड, भोजन, निर्धारित उपचार, डिस्चार्ज करने पर-कोविड-19 टेस्ट, मॉनिटरिंग, फिजियोथेरेपी शुल्क, पी.पी.ई.किट, दवाएं, कंज्यूमेबल्स, डॉक्यूमेंटेशन चार्जेज, समस्त प्रकार की जांच जैसे- बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी, इमेजिंग आदि शुल्क सम्मिलित है।
श्रीगंगानगर की कौशल्या को मिला संबल
श्रीगंगानगर जिले की कौशल्या देवी को कोरोना पॉजिटिव होने पर 11 मई 2021 को योजना से जुड़े एस.एस. टांटिया एमसीएच अस्पताल में भर्ती करवाया गया। योजना की लाभार्थी होने से उसका समस्त इलाज निशुल्क हुआ। उनकी जांचो, दवाइयों और उपचार पर कोई पैसा न लगा। अब वे एकदम स्वस्थ हैं और घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रही हैं। कौशल्या के पति श्री प्रेम कुमार ने बताया कि इस योजना के लागू होने से काफी आराम मिला है। बीमारी में हमें अस्पताल जाने का हौसला मिला है क्योंकि इलाज का कोई पैसा नही लगता है।
बिना खर्च अजमेर के गणपत सिंह का हुआ इलाज
अजमेर जिले के गांव बालाचरन में रहने वाले श्री गणपत सिंह जी को अचानक सीने में तेज दर्द हुआ। योजना में संबद्ध अजमेर के निजी अस्पताल मित्तल हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। जांच में पता लगा कि हार्ट की सर्जरी करनी होगी। योजना का लाभार्थी होने के कारण गणपत सिंह जी का सारा इलाज बिना किसी खर्च के हुआ। उनके जांच, दवाइयां और उपचार पर कोई पैसा नहीं लगा।
प्रदेश के 749 सरकारी तथा 357 निजी अस्पताल जुडे
संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी श्री काना राम ने बताया कि योजना से अब तक प्रदेश के 749 सरकारी और 357 निजी अस्पताल जुड़ चुके है। योजना के बेहतर क्रियान्वयन और परिवदेना के त्वरित निस्तारण के लिये प्रत्येक जोन के लिये एक नोडल अधिकारी आरएसएचएए की और से लगाया गया है। ये नोडल अधिकारी प्राप्त शिकायत के संबंध में अस्पताल और परिवादी से समन्वय कर राहत और निस्तारण का कार्य करते है।