विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। राज्य सरकार ऊर्जा खरीद की कीमतों को कम करने के लिए कटिबद्ध है। इस हेतु सस्ती कीमत वाले संयत्रों से मेरिट आर्डर बनाकर बिजली की अधिकतम खरीद की जाती है। ताकि बिजली की औसत दर कम की जा सके। इसी क्रम में बिजली एक्सचेंज से सस्ती बिजली मिलने पर महंगे संयत्रों को बन्द किया जाता है।
राजस्थान विद्युत वितरण कम्पनियोंं द्वारा विद्युत माँग की पूर्ति हेतु दीर्घावधि के लिये विद्युत क्रय के लिये केन्द्रीय, राजकीय व निजी विद्युत उत्पादनकत्र्ताओं के साथ करार किये हुये है।
राज्य सरकार के विशेष प्रयासों के कारण बिजली की औसत खरीद दर में 22 पैसे की गिरावट भी आई है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में बिजली की औसत खरीद दर 4 रूपये 77 पैसे थी जो कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में घटकर 4 रूपये 55 पैसे रह गई है।
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि पूर्व में 25 साल पुराने सयंत्रों से अनुबन्ध निरस्त करने का कोई प्रावधान नहीं था।
राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास करने के कारण ऊर्जा मंत्रालय द्वारा मार्च 2021 में ऎसे अनुबन्ध निरस्त करने हेतु दिशा निर्देश जारी कर दिये गये है। जिसके तहत कुल 252 मेगावाट क्षमता (अन्ता, दादरी, औरिया, फरक्का व फिरोजगांधी उँचाहार विद्युत सयंत्र) चिन्हि्त कर अनुबन्ध निरस्त करने का निर्णय लिया जा चुका है।
राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग की अनुमति के पश्चात् इससे 205 करोड़ रुपये वार्षिक बचत होगी।