विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने विधायकों से लोकतंत्र के प्रति कटिबद्धता रखते हुए विकास की राजनीति करने का आह्वान किया ताकि जनता की अपेक्षाएं पूरी होने के साथ देश समृद्ध बन सके।
श्री गडकरी सोमवार को यहां राज्य विधानसभा में ‘संसदीय प्रणाली और जन अपेक्षाएं’ विषय पर राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा की ओर से आयोजित सेमिनार के समापन सत्र को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
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केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे देश में विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं है, उसके लिए दृढ़ इच्छा शक्ति की आवश्यकता है। हमें अपने क्षेत्र का विकास करने के लिए पहले विजन बनाना होगा और फिर उसी के अनुसार कार्य करना होगा। उन्होंने पानी और सड़कों को विकास का आधार बताते हुए कहा कि हमारे यहां पानी की कमी नहीं है, लेकिन उसके नियोजन का अभाव है। हमें जल संरक्षण का महत्व समझते हुए अपने-अपने क्षेत्र में पानी की के संरक्षण तरफ ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि जब तक 50 फीसदी से अधिक क्षेत्र सिंचाई के दायरे में नहीं आएगा तब तक किसान समृद्ध नहीं हो सकेगा। उन्होंने दुनिया की मांग-आपूर्ति के अनुसार क्रॉप पेटर्न में बदलाव लाने की आवश्यकता पर बल दिया।
श्री गडकरी ने राजनीति को सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाने का प्रभावी उपकरण बताते हुए कहा कि राजनीति का अर्थ केवल सत्ताकरण नहीं है, बल्कि समाज के अंतिम व्यक्ति का कल्याण करना है। उन्होंने कहा कि समाज सेवा राजनीति का प्रमुख कारक है और हम देश का भाग्य बदलने के लिए राजनीति में आए हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में राजनीति का सही अर्थ समाज का कल्याण है ताकि लोगों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन हो सके। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती और अच्छाई चुने हुए जनप्रतिनिधियों पर निर्भर है। ईमानदारी और विश्वसनीयता हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और लोकतंत्र के प्रति आस्था रखते हुए गरीब का कल्याण ही अपने जीवन का उद्देश्य होना चाहिए।
प्रारम्भ में विधानसभा अध्यक्ष एवं राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ के अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने अपने उद्वबोधन में कहा कि जब हमारी विचारधारा मजूबत होगी तब ही लोकतंत्र मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए हमे एक साथ काम करना होगा। उन्होेंने कहा कि सत्ता की यह जिम्मेदारी है कि नीति बनाकर जनता के लिए काम करें जबकि विपक्ष की जिम्मेदारी है कि आम जनता की समस्याओं की तरफ सरकार का ध्यान आर्कषित कर उन समस्याओं का निस्तारण कराये।
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डॉ. जोशी ने कहा कि हम सबको नये सिरे से लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए कठोर निर्णय लेने होंगे। उन्होेंने कोविड-19 के दौरान विगत 18 महिनों में देश व राज्य में बच्चों के शिक्षा स्तर पर चिन्ता करते हुए कहा कि हमे इसके लिए कोई नीति बनाकर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमे जनता की आवश्यकता और मांग को ध्यान में रखकर नई नीतियां बनाकर काम करना होगा। डॉ. जोशी ने यह भी कहा कि हम सबको इस पर भी विचार करना होगा कि वार्ड पंच, सरपंच का मतदान अधिक क्यों होता है और एक सांसद और विधायक के चुनाव में मतदान प्रतिशत कम क्यों होता है साथ ही धन की बर्बादी अधिक होती है।
इस अवसर पर सदन में विपक्ष के नेता श्री गुलाब चन्द कटारिया ने विधानसभा अध्यक्ष की लोकतंत्र को मजबूत बनाने की सोच की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस संबंध में विषय और व्यक्ति चयन की उनकी सोच निश्चित रूप से लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का पिछले 70-75 वर्ष में जो ढांचा खड़ा होना चाहिए था वह नहीं हुआ है। इसके लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि आज के दौर में व्यक्ति और पार्टी प्रमुख हो गई जबकि देश गौण हो गया । इसके लिए हम सबको सोचना होगा। श्री कटारिया ने कहा कि हमारी सोच देश के हर क्षेत्र में कल्याणकारी कार्यों से देश को आगे बढाने की होनी चाहिए।
समापन सत्र के अंत में विधायक एव राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा के सचिव श्री संयम लोढ़ा ने सभी का आभार प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा राजस्थान विधायक क्षेत्रीय विकास कोष की राशि दो करोड़ से बढ़ाकर पांच करोड़ करने की प्रशंसा करते हुए सभी सदस्यों से इस राशि का विकास कार्यों में सदउपयोग करने का आहवान किया।