विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। आमजन की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और जन स्वास्थ्य में बेहतर सुधार के लिए राजस्थान सरकार द्वारा प्रारंभ की गई घर-घर औषधि योजना प्रदेश में हर घर का अभियान बनती जा रही है। वन विभाग नवाचार अपनाते हुए प्रदेशभर में औषधीय पौधों का वितरण करवा रहा है। सितंबर के अंत में पहला चरण पूरा होने के बाद अक्टूबर में योजना का दूसरा चरण आरंभ होगा।
प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा ने बताया कि विभिन्न तरह के नवाचारों के साथ प्रदेश भर में घर-घर औषधि योजना के तहत तुलसी, कालमेघ, अश्वगंधा और गिलोय के पौधे घरों तक पहुंचाए रहे हैं। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स द्वारा निर्धारित योजना के मुताबिक औषधीय पौधों के वितरण के साथ इनसे प्राप्त उत्पादों के औषधीय उपयोग और इन पौधों के सार-संभाल की जानकारी भी आमजन को दी जा रही है। श्रीमती गुहा ने बताया कि योजना की अधिकाधिक जानकारी आमजन तक पहुंचे, इसके लिए आईईसी के माध्यम से भी विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। इनके तहत नुक्कड़ नाटक, गीत, नृत्य और साइकिल रैली सहित अन्य नवाचार अपनाते हुए आमजन को घर-घर औषधि योजना से जोड़ा जा रहा है।प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री मुनीश कुमार गर्ग ने बताया कि 22 सितंबर तक प्रदेश भर में योजना के तहत 32 लाख से अधिक औषधीय पौधों की किट्स वितरित की जा चुकी हैं। चित्तौड़गढ़ जिले ने योजना के तहत आवंटित लक्ष्य को समय रहते शत-प्रतिशत पूर्ण कर लिया है। इसके अतिरिक्त अलवर जिले ने भी अधिक लक्ष्य होने के बावजूद उल्लेखनीय परिणाम अर्जित किए हैं।वन-बल प्रमुख डॉ. दीप नारायण पाण्डेय ने बताया कि 30 सितंबर तक योजना का पहला चरण जारी रहेगा। इसके पश्चात अक्टूबर माह में योजना का दूसरा चरण शुरू किया जाएगा। मुख्य वन संरक्षकगणों के साथ-साथ उप वन संरक्षकों को भी दूसरे चरण के तहत आवश्यक निर्देश देते हुए उचित कार्रवाई करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है।
डॉ. पाण्डेय ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा उच्च स्तर पर योजना की प्रभावी मॉनिटरिंग की जा रही है। मुख्यमंत्री के साथ-साथ मुख्य सचिव महोदय द्वारा भी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए वन विभाग को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं।