डेल्फिक डायलॉग में गोल्ड मेडलिस्ट अवनी ने साझा किए अपने अनुभव : डेल्फिक डायलॉग श्रृंखला की 10 वीं कड़ी के तहत हुआ आयोजन

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान की ऑनलाइन डेल्फिक डायलॉग श्रृंखला के तहत शनिवार को पैरा ओलंपिक-2020 की गोल्ड मेडलिस्ट सुश्री अवनि लेखरा ने अपने अनुभव साझा किए। इस दौरान उन्होंने अपने जीवन, खेल और परिवार सहित अन्य मुद्दों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।

डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान की अध्यक्ष वन एवं पर्यावरण विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा ने बताया कि शनिवार को आयोजित डेल्फिक डायलॉग श्रृंखला की 10 वीं कड़ी में टोक्यो पैरालंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट विजेता शूटर सुश्री अवनि लेखरा ने शिरकत की। सत्र का संचालन करते हुए डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान के महासचिव एवं नागौर के जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने शूटर अवनि से सवाल-जवाब किए।इस दौरान गोल्ड मेडलिस्ट अवनि ने अपनी अब तक की जीवन यात्रा का परिचय देते हुए शूटिंग और इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी। अवनि ने बताया कि किस तरह से परिवार के सदस्यों ने उसे हर स्तर पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

टोक्यो ओलंपिक में मैच से पहले अपनी कोच द्वारा दिए गए प्रोत्साहन का जिक्र करते हुए अवनि ने बताया कि उनकी सफलता में कोच का बेहद महत्वपूर्ण योगदान रहा। भारत की ओर से पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनने की खुशी कैसी रही, के सवाल पर अवनि ने बताया कि टोक्यो में बहुत अच्छा माहौल था। वॉलिंटियर्स ने भी उनकी सफलता पर बधाई दी। पूरे देश में खुशी का माहौल रहा। परिवार के सदस्यों को भी ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं मिलीं। उन्हें भी सभी ने बधाई दी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत, वन मंत्री श्री सुखराम विश्नोई सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने उनकी सफलता पर बधाई दी।भविष्य की योजनाओं का जिक्र करते हुए अवनि ने बताया कि अब उनका पूरा ध्यान एशियन पैरालंपिक और पेरिस में होने वाले ओलंपिक पर है। टोक्यो ओलंपिक में हुई गलतियों से सबक लेकर वे एशियन पैरालंपिक और पेरिस में होने वाले ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास करेंगी। अब तक की सफलता में अपने परिजनों की भूमिका को रेखांकित करते हुए अवनि ने बताया कि किस तरह से परिजनों ने पढ़ाई छूटने के बाद उसे पढ़ने और शूटिंग के प्रति आकर्षित किया। शूटिंग की वजह से ही उनमें आत्मविश्वास आया, जिसकी बदौलत वे पैरालंपिक में अच्छा प्रदर्शन कर पाईं

शूटर अवनि ने बताया कि किस तरह से परिजनों ने उसे सामान्य बच्चों की भांति प्रत्येक कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। दिव्यांग खिलाड़ियों के प्रति होने वाले व्यवहार का जिक्र करते हुए अवनि ने बताया कि उन्हें भी सामान्य खिलाड़ियों की तरह दिखा देना चाहिए और उन से वैसे ही व्यवहार होना चाहिए। माता-पिता को अपना रोड मॉडल मानते हुए अवनी ने बताया कि उन्हें नृत्य पसंद है।