कोविड समीक्षा बैठक : बूस्टर डोज की आवश्यकता के संबंध में केन्द्र जल्द निर्णय ले

संक्रमण रोकने के लिए बढ़ाएं टेस्टिंग: मुख्यमंत्री

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने विगत दिनों में प्रदेश के कुछ जिलों में कोरोना पॉजिटिव केसेज की संख्या में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि दूसरी लहर के अनुभवों तथा इस वायरस की प्रकृति को देखते हुए फिर से टेस्टिंग, ट्रेकिंग और ट्रेसिंग की रणनीति को मजबूती से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि संक्रमण को प्राथमिक स्तर पर ही रोकना जरूरी है ताकि प्रदेशवासियों को तीसरी लहर से बचाया जा सके।  श्री गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर कोरोना संक्रमण तथा मौसमी बीमारियों की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में सेम्पलिंग बढ़ाई जाए। विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां संक्रमण के मामले अधिक आ रहे हैं। साथ ही, गहन कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग पर फोकस किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कोरोना की बूस्टर डोज को अनुमति देने का आग्रह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा जानकारी में आया है कि दुनिया के लगभग 35 मुल्कों में बूस्टर डोज लगाई जा रही है। ऐसे में जरूरी है कि देश में भी लोगों को तीसरी लहर से बचाने के लिए केन्द्र सरकार बूस्टर डोज की आवश्यकता के संबंध में जल्द ही उचित निर्णय लेकर राज्यों को दिशा-निर्देश जारी करे।
श्री गहलोत ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने कोविड की पहली एवं दूसरी लहर के दौरान बेहतर प्रबंधन कर तमाम आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं। अस्पतालों में आईसीयू बैड, ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट, शिशु गहन चिकित्सा इकाई सहित अन्य आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं को लगातार मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने निर्देश दिए कि डेंगू सहित अन्य मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए फोगिंग पर जोर दिया जाए।  चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि जहां-जहां पॉजिटिव केस आ रहे हैं, वहां लोगों की मोबिलिटी पर अंकुश लगाया जाए तथा रोगी को आवश्यक रूप से आइसोलेशन में रखा जाए। उन्होंने प्रदेश के सभी जिलों मंे टेस्टिंग बढ़ाने के भी निर्देश दिए। शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री वैभव गालरिया ने प्रस्तुतीकरण में बताया कि एक्टिव केसेज की संख्या 95 हो गई है। इसे देखते हुए सेम्पलिंग की संख्या को बढ़ाकर 25 हजार प्रतिदिन करने के निर्देश दिए गए हैं। मॉल्स, स्कूल तथा बाजारों में रेन्डम सेंम्पलिंग भी की जा रही है। साथ ही, वायरस के वेरियंट की पहचान के लिए एसएमएस मेडिकल कॉलेज स्थित लैब में जीनोम सिक्वेंसिंग की जा रही है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी ने बताया कि वैक्सीनेशन के बाद लोगों में प्रतिरोधक क्षमता की जांच के लिए सीरो सर्वे किया जा रहा है, जिसमें फ्रंटलाइन वर्कर, हैल्थ केयर वर्कर तथा आमजन को सम्मिलित किया गया है। वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि हमें लगातार सतर्कता बनाए रखनी होगी तथा वैक्सीनेशन और मास्क पहनने में किसी प्रकार की ढिलाई उचित नहीं है। बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, प्रमुख सचिव गृह श्री अभय कुमार, प्रमुख सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा, शासन सचिव स्वायत्त शासन श्री भवानी सिंह देथा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।