विनय एक्सप्रेस समाचार,जयपुर। मुख्य सचिव श्री निरजंन आर्य की अध्यक्षता मेें राज्य मेंं बिजली आपूर्ति की विश्वसनियता और गुणवत्ता में सुधार के प्रयासों को लेकर बुधवार को शासन सचिवालय में बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्य सचिव ने ‘‘रिफार्म बेस्ड एण्ड रिजल्ट लिंक्ड रिवेम्प्ड डिस्टी्रब्यूशन सेक्टर स्कीम’’(आरडीएसएस)कमेेटी के अन्र्तगत बिजली क्षेत्र की परिचालन क्षमता और स्थिरता बढाने तथा वाणिज्यिक हानियां कम करने पर चर्चा के उपरान्त आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये ।जयपुर डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक श्री नवीन अरोड़ा ने बताया कि केन्द्र सरकार के विद्युत मंत्रालय द्वारा 20 जुलाई, 2021 को आरडीएसएस कमेटी का गठन किया गया था जिसका मुख्य उद्देश्य वित्तीय वर्ष 2024-25 तक विद्युत हानियां (एटी एंड सी ) 12- 15 प्रतिशत तक करने का है। उन्होंने बताया कि राज्य के सभी विद्युत उपभोक्ताओं के लिए 1 करोड़ 47 लाख 29 हजार 210 स्मार्ट मीटर की व्यवस्था के तहत राज्य में तीन फेज में यह कार्य किया जा रहा है। विद्युत आपूर्ति में सुधार,छीजत रोेकने के प्रयासों आदि कार्यो के लिए व्यय का 42 प्रतिशत खर्चा केन्द्रीय विद्युत मंत्रालय द्वारा वहन किया जाएगा।श्री अरोड़ा ने बताया कि प्रीपेड स्मार्ट ट्रान्सफार्मर, बख्तरबंद केबलिंग, कुसुम योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए कृषि फीडरों का प्रथकीकरण और आधुनिकीकरण, कृषि फीडरों का नवीनीकरण, सबस्टेशनों और विद्युत लाइनों का आधुनिकीकरण जैसे कार्य प्रगति पर हैं। उन्होंने बताया कि विद्युुत आपूर्ति में बेहतरी के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय विद्युत सुधार समिति (डी आर सी ) भी गठित की गई है।
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