जानिए संकट चतुर्थी के व्रत का महत्व एवं श्रीगणेश पूजन विधि पंडित नितेश व्यास के साथ

विनय एक्सप्रेस आलेख। हर साल माघ महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकट चौथ का त्योहार मनाया जाता है. इस साल संकट चौथ का त्योहार कल 21 जनवरी शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा. सकट चौथ को संकष्टी चतुर्थी, तिलकुटा चतुर्थी, माघ चतुर्थी आदि नामों से भी जाना जाता है. इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र, सुख समृद्धि और आरोग्य के लिए व्रत रखती हैं. माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से भगवान गणेश सभी कष्टों को हर लेते हैं. इस दिन भगवान गणेशजी की पूजा कर चंद्रमा को अर्घ्य देकर महिलाएं व्रत खोलती हैं.
आइए जानते हैं संकट चौथ का शुभ मुहूर्त, पूजा की विधि और इस दिन बनने वाले शुभ योग के बारे में-

संकट चौथ शुभ मुहूर्त :

सकट चौथ शुक्रवार, जनवरी 21, 2022
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – जनवरी 21, 2022 को सुबह 08:51 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त – जनवरी 22, 2022 को सुबह 09:14 बजे
सकट चौथ के दिन चन्द्रोदय समय – रात्रि 09:00 बजे

सकट चौथ शुभ योग 

हिंदू पंचांग के अनुसार, सकट चौथ पर इस बार सौभाग्य योग बनने जा रहा है. यह शुभ योग 21 जनवरी को दोपहर 03 बजकर 06 मिनट तक रहेगा. इसके बाद शोभन योग शुरू हो जाएगा. सौभाग्य योग में कोई भी कार्य करना शुभ माना जाता है और सफलता भी प्राप्त होती है. इसके साथ ही आपको बता दें कि सकट चौथ के दिन अभिजीत मुहूर्त 12 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा.

संकट चौथ पूजा विधि 

– इस दिन सुबह जल्दी ब्रह्म मुहूर्त में सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें.

गणेश जी की मूर्ति को स्नान कराएं पंचोपचार (धूप, दीप, पुष्प कुमकुम अक्षत) पूजा करें।
‘ॐ गं गणपते नमः मंत्र का जाप करते हुए पूजा करें।

गणेश जी के सामने व्रत करने का संकल्प लें और पूरे दिन अन्न ग्रहण न करें। व्रत में फलाहार, पानी, दूध, फलों का रस आदि चीजों का सेवन किया जा सकता है।

– भगवान गणेश की पूजा करते समय पीले या लाल रंग के कपड़े पहनें.

– पूजा करते समय गणेश जी की मूर्ति के पास एक कलश में जल भर कर रखें.

– पूजा करते समय भगवान गणेश की मूर्ति के साथ ही माता लक्ष्मी की मूर्ति भी जरूर रखें.

गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करें।
गणेश जी के 12 नामों का पाठ करें।

– भगवान गणेश के मंत्र का जाप करते हुए 21 दुर्वा भगवान गणेश को अर्पित करें.

– पूजा के बाद रात में चंद्रमा को अर्घ्य दें और फल आदि खाकर व्रत का पारण करें.

पंडित नितेश व्यास (एस्ट्रो भा)

आचार्य पण्डित नितेश महाराज (ऐस्ट्रो भा) गोल्ड मेडलिस्ट रमल, वैदिक ज्योतिष
अधिष्ठाता महागणपति साधना पीठ
अध्यक्ष ग्लोबल ज्योतिष पुंज बीकानेर(चंडीगढ)
महासचिव विश्व सनातन वाहिनी