नाबालिग बच्चियों के साथ आपराधिक घटनाओं को रोकने के प्रति सरकार की मंशा बिल्कुल साफ

सरकार द्वारा हर पल किये गये प्रयासों के फलस्वरूप ही घटनाओं पर लगी रोक :  संसदीय कार्य मंत्री

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। संसदीय कार्य मंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल ने मंगलवार को विधानसभा में गृहमंत्री की ओर से आश्वस्त किया कि प्रदेश में नाबालिग एवं छोटी बच्चियों के साथ हो रही दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार की मंशा बिल्कुल साफ है और सरकार की हर पल यह कोशिश है कि ऎसी घटनाओं पर सख्ती से रोक लगे तथा सरकार के प्रयासों से रोक लगी भी है।

श्री धारीवाल प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने माना कि नाबालिग बच्चियों के साथ हो रही घटनाएँ जरूर एक चिन्ता का विषय है, लेकिन सरकार भी इनकी रोकथाम के लिए पूरी तरह गम्भीर है। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं की रोकथाम के लिए ही इस बजट मे 500 इमरजेन्सी वाहन चलाने का प्रावधान किया गया है, जिनमें पब्लिक बटन लगाये जायेंगे। साथ ही सार्वजनिक स्थलों पर भी ऎसे पब्लिक बटन लगाये जायेंगे जिससे घटना घटते ही जानकारी मिल जायेगी और समय रहते उस पर कार्यवाही की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि इसी बजट सत्र में इन घटनाओं की रोकथाम के लिए पब्लिक सेफ्टी बिल 2022 भी प्रस्तुत किया गया है और इस बिल के पारित होने के बाद सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरा लगाना आवश्यक हो जायेगा।

उन्होंने कहा कि नाबालिग बालिकाओं के साथ होने वाली दुष्कर्म की घटनाओं की रोकथाम के लिए पोक्सो एक्ट के तहत 15 दिन में चालान पेश करना आवश्यक है , लेकिन दो महिनों तक भी चालान पेश किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पोक्सो एक्ट के तहत विगत तीन वर्षो मे 5 हजार 783 प्रकरण दर्ज कर 4 हजार 631 में चालान पेश किया गया है। उन्होंने बताया कि 879 में एफ.आर लगाई गई है जबकि 286 प्रकरण लम्बित है। उन्होंने बताया कि ऎसे मामलों में 6 हजार 628 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है तथा 129 मामलों में उच्च न्यायालय में 398 व्यक्तियों को सजा सुनाई गई है।

श्री धारीवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि ऎसे कई मामलों में 5-7 कारणों की वजह से समय पर चालान पेश नहीं हो पाता है, जिनमें प्रमुख रूप से न्यायालय से स्टे होने, एफ.एस.एल की रिपोर्ट के कारण, गिरफ्तारी पेन्डिंग होने एवं जाँच लम्बित होना प्रमुख है। उन्होंने यह भी बताया कि कई मामालों में समय पूर्व भी कार्यवाही की गई है जिनमें कोटखावड़ा में 9 दिन में एवं पिलानी झुंझनु में 20 दिन में ही सजा सुनाई गई है। इसी तरह कॉकरोली(राजसंमद) में 30 दिन के अन्दर कारावास की सजा सुनाई गई है। उन्होंने बताया कि सवाईमाधोपुर में भी दो महिने में तथा पुष्कर, अजमेर में चार माह में एवं नवलगढ़ में दोषियों के विरूद्ध साढ़े चार माह में कार्यवाही कर सजा सुनाई गई है। उन्होंने बताया कि इन मामलों में निरीक्षक स्तर के अधिकारी को केश अधिकारी नियुक्त किया जाता है, लेकिन महिला निरीक्षक को प्राथमिकता दी जाती है।

श्री धारीवाल ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में पोक्सो एक्ट की 54 अदालतें है लेकिन उन्होंने माना कि अदालतों की संख्या बढ़नी चाहिए क्योंकि आपराधिक घटनाएँ बढ़ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया द्वारा ऎसी घटनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है जो एक चिन्ता का विषय है।

इससे पहले विधायक श्री गुलाबचन्द कटारिया के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में श्री धारीवाल ने बताया कि प्रदेश में नाबालिग एवं छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म/बलात्कार के 1 जनवरी 2019 से 31 जनवरी 2022 तक कुल प्रकरण 5793 दर्ज हुए हैं। उन्होंने जिलावार विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में नाबालिग एवं छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म/बलात्कार के मामलों में वर्ष 2019 से 31 जनवरी 2022 तक कुल 6628 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया तथा कुल 129 प्रकरणों में 398 आरोपियों को न्यायालय से सजा हुई कुल 4631 प्रकरणों में न्यायालय में चालान पेश किया तथा कुल 283 प्रकरणों में न्यायालय में चालान पेश किया जाना शेष है। उन्होंने इनका विवरण सदन के पटल पर रखा।

उन्होंने कहा कि पुलिस मुख्यालय द्वारा समय-समय पर आदेश निर्देश परिपत्र जारी किये गये हैं। उन्होंने आदेश एवं परिपत्र की प्रति सदन के पटल पर रखी। श्री धारीवाल ने ऎसे अपराधों को रोकने के लिए किए जा रहे उपायों का विवरण भी सदन के पटल पर रखा ।