विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने बुधवार को विधानसभा में आश्वस्त किया किआंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषाहार वितरण का कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ सुचारु रुप से किया जा रहा है, फिर भी यदि कोई अनियमितता की शिकायत प्राप्त होती है तो इसकी जांच करवा ली जाएगी।
श्रीमती भूपेश ने प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषाहार के लिए गेहूं, चावल क्रय करके राजस्थान खाद्य निगम तथा नेफेड को दिया जाता है तथा इसका वितरण का कार्य खाद्य विभाग के माध्यम से किया जाता है। उन्होेेंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर इन सामग्री के आपूर्ति के संबंध में प्रत्येक माह की निश्चित तारीख पर जांच उपनिदेशक स्तर के अधिकारी द्वारा की जाती है। उन्होंने बताया कि विभाग पूरी पारदर्शिता के साथ काम कर रहा है तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर- घर जाकर इन सामग्री के वितरण के बारे में आमजन सेे जानकारी भी लेती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषाहार वितरण की अनियमितता के बारे में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
इससे पहले श्रीमती भूपेश ने प्रश्नकाल में श्री रुपाराम के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया किविधान सभा क्षेत्र मकराना में बाल विकास परियोजना मकराना संचालित है जिसमें 246 आंगनबाडी केन्द्र तथा 13 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र सहित कुल 259 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों पर वितरित किये जाने वाले पोषाहार का विवरण सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में विभाग द्वारा गेंहू, चावल भारत सरकार से आवंटित अनुदानित दरों पर भारतीय खाद्य निगम से प्राप्त किया जा रहा है एवं चना दाल भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संध मर्यादित (नैफेड) के माध्यम से क्रय कर उक्त सामग्री को राजस्थान राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा उठाव, परिवहन एवं आंगनबाडी केंद्रों तक आपूर्ति का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विगत 2 वर्षाे में विधानसभा क्षेत्र मकराना के केन्द्रों पर जिला स्तरीय अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी व महिला पर्यवेक्षकों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किये गये है। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर निरीक्षण के दौरान 40 सामान्य अनियमितता पाई गई जिनका तत्समय ही निस्तारण कर दिया गया।