राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, जयपुर का दीक्षान्त समारोह आयोजित सुदूर क्षेत्रों तक चिकित्सा सेवाएं सुदृढ़ करने में सहयोगी बनें युवा चिकित्सक -राज्यपाल

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने युवा चिकित्सकों का आह्वान किया है कि वे दूर-दराज के गांवों और आदिवासी अंचल में चिकित्सकीय सेवाओं को सुदृढ़ करने में सहयोगी बनें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पिछड़े इलाकों, गांवों व जनजाति क्षेत्रों में प्रचलित रोगों के निदान और उपचार के लिए युवा चिकित्सक पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य करें।

राज्यपाल श्री मिश्र राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, जयपुर के दीक्षांत समारोह के अवसर पर शनिवार को यहां बी. एम. बिड़ला सभागार में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आरयूएचएस अस्पताल और एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों, नर्सिंगकर्मियों, पैरामेडिकल स्टाफ, सफाईकर्मियों, वार्ड बॉय सहित समस्त स्टाफ ने जिस तरह दिन-रात एक कर दिए, वह अपने आप में एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि चिकित्सक आगे भी अपने चिकित्सकीय ज्ञान का उपयोग इसी तरह मानवता के कल्याण के लिए करें।

कुलाधिपति ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि मरीज का आधा रोग तो चिकित्सक के मधुर व्यवहार से ही दूर हो जाता है। इसलिए चिकित्सकों को रोग के उपचार के साथ मरीज के साथ ऐसा व्यवहार करना चाहिए, जिससे रोगी अपने को पहले ही स्वस्थ महसूस करने लगे। उन्होंने आधुनिक जीवन शैली, खानपान एवं वातावरण से उत्पन्न हो रही बीमारियों के निदान, उपचार एवं रोकथाम पर विशेष रूप से शोध कार्य किए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विश्व स्तर पर चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे हो रहे नए अनुसंधान और शोध को भारतीय संदर्भ में किस तरह लागू किया जा सकता है, इस पर भी चिकित्सा समुदाय को विचार करना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि प्राचीन भारतीय ग्रंथों में स्वास्थ्य शिक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण सूत्र मिलते हैं। आज भी प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति से जुड़ी चरक और सुश्रुत संहिता को चिकित्सा विज्ञान का प्रमुख आधार माना जाता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय को ऐसे पाठ्यक्रमों की पहल करनी चाहिए जिनमें आधुनिक ज्ञान के साथ अतीत की परम्परा को जोड़ते हुए चिकित्सा विज्ञान को आगे बढ़ाया जाए।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि कोरोना के विकट दौर में राजस्थान में हुए सूक्ष्म प्रबंधन की सराहना देश- विदेश में हुई। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए वर्ष 2023 से पहले तीन के अलावा प्रदेश के सभी जिलों में चिकित्सा महाविद्यालय और सभी जिलों में नर्सिंग महाविद्यालय शुरू कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बजट में इंस्ट्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसीन एण्ड वायरोलॉजी की स्थापना की भी घोषणा की है जिससे वायरस जनित रोगों के उपचार और शोध की उच्च स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

प्रख्यात चिकित्सक डॉ. शशांक आर. जोशी ने दीक्षान्त व्याख्यान देते हुए कहा कि वैक्सिनेशन और तीसरी लहर की इम्युनिटी मौजूद होने के कारण कोविड के नए वैरिएंट को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है, यह ओमिक्रॉन का ही एक रूप है। उन्होंने सभी को सतर्कता बरतते हुए कोविड अनुरूप व्यवहार की पालना करते रहने की सलाह भी दी।

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुधीर भंडारी ने अपने स्वागत उद्बोधन में विश्वविद्यालय की शैक्षणिक, चिकित्सकीय, शिक्षणेत्तर गतिविधियों एवं विकास कार्यों का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने मेडिकल, डेन्टल, पैरामेडिकल, नर्सिंग एवं फार्मेसी के विभन्न पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में शीघ्र ही संघटक फार्मेसी महाविद्यालय शुरू किए जाने की योजना है।

दीक्षान्त समारोह में राज्यपाल ने मेट्रो ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के चेयरमैन डॉ. पुरुषोत्तमलाल और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया को डॉक्टर ऑफ साइन्स (मेडिसीन) की मानद उपाधि प्रदान की। डॉ. पुरुषोत्तमलाल ने व्यक्तिशः उपस्थित होकर कुलाधिपति से यह उपाधि प्राप्त की।

दीक्षान्त समारोह में जनवरी 2019 से दिसम्बर 2020 की एमबीबीएस, एमडी, एमएस, डीएम, एमसीएच, बीडीएस, एमडीएस, एमफार्म, बीफार्म, डीफार्म, एमएससी नर्सिंग, बीएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग, बीपीटी एवं पैरामेडिकल में स्नातक, स्नातकोत्तर तथा वर्ष 2020-21 की पीएचडी की उपाधियां प्रदान की गई। राज्यपाल ने विभिन्न पाठ्यक्रमों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 11 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और दो विद्यार्थियों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक प्रदान किए।

समारोह के आरम्भ में राज्यपाल श्री मिश्र ने उपस्थितजनों को भारतीय संविधान की उद्देश्यिका एवं संविधान में वर्णित मूल कर्तव्यों का वाचन भी करवाया।

इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री वैभव गालरिया, विश्वविद्यालय कार्य परिषद व विद्या परिषद के सदस्य, शिक्षक, अन्य अधिकारी एवं विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।