विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। ए.सी.बी. मुख्यालय के निर्देश पर जयपुर ग्रामीण इकाई द्वारा आज कार्यवाही करते रामकरण सिनसिनवार सिग्नेचर आथोरिटी, मैसर्स वेदान्ती सॉल्यूशन एण्ड एन.सी. इन्टरप्राईजेज, जयपुर व मनोज तंवर डाटा एन्ट्री ऑपरेटर गुल साई बाबा प्रा.लि. जयपुर को परिवादी से 35 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक श्री भगवान लाल सोनी ने बताया कि ए.सी.बी. की जयपुर ग्रामीण इकाई को परिवादी द्वारा शिकायत दी गई कि राष्ट्रीय पोषण मिशन में डिस्ट्रीक्ट कॉर्डिनेटर (डीसी) के पद पर चयन हेतु मैसर्स वेदान्ती सॉल्यूशन एण्ड एन.सी. इन्टरप्राईजेज, जयपुर को ठेका दे रखा है। कम्पनी के रामकरण सिनसिनवार सिग्नेचर आथोरिटी द्वारा इस पद पर चयन करने की एवज में 45 हजार रुपये रिश्वत राशि मांगकर परेशान किया जा रहा है।
जिस पर एसीबी जयपुर ग्रामीण के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री नरोत्तम लाल वर्मा के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन किया जाकर आज पुलिस निरीक्षक श्री मानवेन्द्र सिंह मय टीम द्वारा ट्रेप कार्यवाही करते हुये रामकरण सिनसिनवार पुत्र श्री जालूराम जाट निवासी ताजसर, थाना फतेहपुर शेखावाटी, जिला सीकर हाल सिग्नेचर आथोरिटी, मैसर्स वेदान्ती सॉल्यूशन एण्ड एन.सी. इन्टरप्राईजेज, जयपुर को परिवादी 35 हजार रूपये रिश्वत राशि अपने सहयोगी मनोज तंवर पुत्र श्री ओमप्रकाश तंवर निवासी म.नं. 33, गोविन्दपुरी,
रामनगर, सोड़ाला, जयपुर हाल डाटा एन्ट्री ऑपरेटर गुल साई बाबा प्रा.लि. जयपुर को दिलवाते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। उल्लेखनीय है कि आरोपियों द्वारा शिकायत के सत्यापन के दौरान ही 10 हजार रुपये रिश्वत के रूप में परिवादी से वसूल कर लिये थे।
एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक श्री दिनेश एम.एन. के निर्देशन में आरोपियों से पूछताछ तथा उसके आवास एवं अन्य ठिकानों पर तलाशी जारी है। एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जायेगा।
एसीबी महानिदेशक, श्री भगवान लाल सोनी ने समस्त प्रदेशवासियों से अपील की है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टोल-फ्री हैल्पलाईन नं. 1064 एवं Whatsapp हैल्पलाईन नं. 94135-02834 पर 24×7 सम्पर्क कर भ्रष्टाचार के विरूद्ध अभियान में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। एसीबी आपके वैध कार्य को करवाने में पूरी मदद करेगी। विदित रहे कि एसीबी राजस्थान राज्य में राज्य कर्मियों के साथ-साथ केन्द्र सरकार के कार्मिकों के विरूद्ध भी कार्यवाही करने को अधिकृत है।