विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री टीकाराम जूली ने विभागीय अधिकारियों को नवजीवन योजना के अंतर्गत शामिल जातियों के सर्वे का कार्य तीन माह में पूरा कर अवैध शराब के व्यवसाय में लिप्त व्यक्तियों और उनके परिवारों को चिन्हित करने के निर्देश प्रदान किये।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को शासन सचिवालय स्थित समिति कक्ष-2 में नवजीवन योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए गठित राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग समिति की बैठक का आयोजन किया गया।
श्री जूली ने कहा कि विभाग योजना के तहत शामिल की गई 30 जातियों, जिनमें कंजर, सांसी, भाट, भाण्ड, नट, राणा, डोम, ढ़ोली, मोगिया (मोग्या), बावरिया, बेडिया, बागरिया, सिरकीवाला, चौबदार, गाडोलिया, बंजारा, कालबेलिया, भोपा, नायक, गाडिया लुहार, पारदी, भेड़कुट, रैबारी, सिकलीगर, सीगडीवाल, रंगास्वामी, नाथ, बाजीगर, गुजराती एवं जंगलिया है, का सर्वे प्रपत्र नये सिरे से तैयार कर तुरंत सर्वे का कार्य प्रारम्भ करावें।
उन्होंने योजना के तहत विभागीय अधिकारियों को अवैध शराब के निर्माण, भण्डारण एवं विक्रय में लिप्त व्यक्तियों एवं परिवारों का सर्वे कर उन्हें जिलेवार, ब्लॉक स्तर, ग्राम पंचायत स्तर एवं जातिवार चिन्हित करने के निर्देश दिये, ताकि इनका सामाजिक, शैक्षणिक तथा आर्थिक विकास किया जा सके।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा कि नवजीवन योजना एक अच्छी सोच के साथ शुरू की गई है। योजना का उद्देश्य अवैध शराब के निर्माण, भण्डारण एवं व्यवसाय में लिप्त व्यक्तियों एवं ऐसे परिवारों को योजना से लाभान्वित कर उन्हें विकास की मुख्य धारा में लाना है। इसके लिए ऐसे व्यक्तियों एवं परिवारों को चिन्हित किया जाना आवश्यक है।
डॉ. शर्मा ने बताया कि इस योजना में पूर्व में 14 जातियां शामिल थी लेकिन बजट घोषणा वर्ष 2022-23 में 16 और जातियों को इसमें शामिल किया गया है। पूर्व में इस योजना के अंतर्गत सभी जिलों में सर्वे करवा कर लगभग 97,827 व्यक्तियों को चिन्हित किया गया है। उन्होंने बताया कि विभाग का उद्देश्य सभी 30 जातियों का सर्वे कराकर डिजीटल डेटाबेस तैयार करना है तथा इन्हें सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि सर्वे की प्रक्रिया सरल रखने का प्रयास किया जाएगा।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव श्री ओ. पी. बुनकर ने बताया कि योजना के तहत अवैध शराब के व्यवसाय में लिप्त व्यक्तियों और ऐसे परिवारों का डोर-टू-डोर सर्वे करवाया जाएगा।
इसके अतिरिक्त बैठक में नवजीवन योजना में चयनित व्यक्तियों को कौशल प्रशिक्षण के लिए स्वयं सेवी संस्थाओं को भुगतान की शर्तो में 20 प्रतिशत भुगतान, 40 प्रतिशत व्यक्तियों को नियोजित होने के पश्चात् किये जाने, विभागीय छात्रावासों, आवासीय विद्यालयों में रिक्त पदों पर इन चयनित व्यक्तियों/परिवारों के बच्चों को प्रवेश दिये जाने, योजना में शामिल जातियों/समुदायों के व्यक्तियों के निवासरत स्थानों को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए सड़क निर्माण, चयनित परिवारों को प्राथमिकता से विभागीय योजनाओं से जोड़ने, नवजीवन डीबीटी वाचर योजना को कक्षा 6 से 12 तक के लिए लागू किये जाने, योजना में चयनित व्यक्तियों और परिवारों के बच्चों को शैक्षणिक गतिविधियों से जोड़ने तथा आबकारी विभाग द्वारा अवैध शराब में लिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध मुकदमों की सूची उपलब्ध करवाने जैसे बिन्दुओं पर भी चर्चा की गई।
इससे पूर्व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त निदेशक, सामाजिक सुरक्षा श्री सुवालाल पहाडिया ने बैठक के प्रारम्भ में नवजीवन योजना का परिचय दिया और पूर्व में आयोजित बैठक की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के शासन सचिव, श्री नवीन जैन, निदेशक डीएलबी श्री ह्दयदेश शर्मा, आबकारी आयुक्त श्री प्रकाश राजपुरोहित, गृह सचिव (लॉ) चंचल मिश्रा, श्री जयेश सांघी, चीफ मैनेजर एसएलबीसी एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।