नाबालिग बालिका के साथ सामुहिक बलात्कार एवं हत्या के जघन्य प्रकरण में दो अभियुक्तों को फांसी, विशिष्ट न्यायाधीश पोक्सो कोर्ट बून्दी ने सुनाई दोनों को फांसी की सजा
विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। बून्दी जिले के विशिष्ट न्यायालय (पोक्सो कोर्ट नम्बर 2) ने बसोली थाना क्षेत्र के अन्तर्गत 23 दिसम्बर 2021 को हुऎ नाबालिग बालिका के साथ सामुहिक बलात्कार एवं निर्ममता पूर्वक हत्या के दोषसिद्ध अपराधी सुलतान एवं छोटुलाल निवासी काला कुंआ थाना बसोली को फांसी की सजा सुनाई है।
सूचना एवं जनसंपर्क राज्यमंत्री श्री अशोक चांदना ने बताया कि बूंदी की इस जघन्य घटना के पश्चात राजस्थान पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही की गई जिस से आरोपियों को कड़ी सजा मिली है, इसके लिए राजस्थान पुलिस बधाई की पात्र है।
इससे निश्चित ही प्रदेश में अपराधों पर रोक लगेगी और यह कार्यवाही अन्य मामलों में भी नजीर बनेगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय आम नागरिकों से मेरा कमिटमेंट था कि इस प्रकरण में शीघ्र न्याय दिलाया जाएगा जो आज पूरा हुआ है।
महानिदेशक पुलिस श्री एम एल लाठर ने बताया कि बालिकाओं व महिलाओं पर होने वाले अपराधों को लेकर राजस्थान पुलिस अत्यधिक संवेदनशील है, एवं इन मामलों को अत्यधिक गम्भीरता से लिया जाकर अपराधियों की पहचान व गिरफ्तारी एवं साक्ष्य एकत्रित कर केस ऑफिसर स्कीम में लेकर अपराधियों को सजा दिलाने की पुख्ता कार्यवाहियां की जा रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस का स्टीक श्रृंखलाबद्ध अनुसंधान वैज्ञानिक तकनीकी साधनों को उपयोग के साथ ही किया गया। विशेष लोक अभियोजक के द्वारा तथ्यों के प्रभावी प्रस्तुतिकरण के बल पर अपराधी फांंसी के फन्दे तक पहुंचे है।
बून्दी पुलिस अधीक्षक श्री जय यादव ने बताया कि 23 दिसम्बर 2021 को बसोली थाना क्षेत्र के अन्तर्गत घने जंगलो में एक नग्न नाबालिक बालिका की लाश मिली थी। इस लोग हर्षक घटना की गम्भीरता को देखते हुऎ स्वयं पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे। घटना के वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्रित करने हेतु कोटा से विधि विज्ञान प्रयोगशाला के विशेषज्ञों एवं डॉग स्कॉड को घटना स्थल पर बुलाया गया। इस पर समस्त पुलिस जाप्ते के द्वारा आस पास के घने जंगलों में अज्ञात अपराधियों को पकड़ने एवं अपराधियों के द्वारा छोडे गये साक्ष्यों को एकत्रित करने के लिए सघन तलाशी ली गई। पूरे जंगल को सील कर 10 थानाधिकारीगण एवं तकरीबन 200 पुलिस जवानो के एवं डॉग स्कॉड के साथ मिलाकर पूरे जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। पुलिस के कठिन परिश्रम के फलस्वरूप मात्र 12 घण्टे में अपराधियों को दबोचा जा सका। तीनों अपराधियों ने पूछताछ में अपना जुर्म स्वीकार किया।
अनुसंधान में लगी पुलिस टीम द्वारा एवं स्वयं पुलिस अधीक्षक द्वारा कड़ी से कड़ी जोडते हुऎ साक्ष्यों को एकत्रित किया व अपराधियों को न्यायालय के समक्ष उनके अंजाम तक पहुंचाने हेतु 3 कार्य दिवस में न्यायालय पोक्सो नम्बर 2 बून्दी में चालान प्रस्तुत किया। राज्य सरकार ने संवेदन शीलता दिखाते हुए एक लम्बी चौडी प्रक्रिया को मात्र 24 घण्टे में पूरी कर प्रकरण में प्रभावी पैरवी हेतु श्री महावीर सिंह किशनावत एडवोकेट राजस्थान हाईकोर्ट को स्पेशल पीपी नियुक्त किया गया। बून्दी पुलिस ने जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिये प्रकरण को केस ऑफिसर स्कीम में चयनित कर वृत्ताधिकारी वृत बून्दी श्री हेमन्त कुमार को नियुक्त किया गया।