स्कूटी वितरण कार्यक्रम 9 अगस्त को प्रस्तावित- महाविद्यालयों में भी मनाया जाएगा ‘प्रवेशोत्सव’- बालिका दूरस्थ शिक्षा योजना की होगी शुरूआत – राजकीय महाविद्यालयों में 1000 पदों पर भर्ती के लिए वित्त विभाग की सहमत– तबादलों में एकल नारी, दिव्यांगजन एवं गंभीर बीमारी से ग्रसित को प्राथमिकता
विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में महाविद्यालयों की संख्या दोगुनी हो गई है। इनमें ढांचागत सुविधाएं विकसित करना, फैकल्टी की उपलब्धता एवं शिक्षा की गुणवता सरकार की प्राथमिकता है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 211 नए राजकीय महाविद्यालय खोले गए हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष में खोले गए 88 महाविद्यालयों में से 60 कन्या महाविद्यालय हैं। सरकार द्वारा 49 राजकीय महाविद्यालयों को स्नातक से स्नातकोत्तर में क्रमोन्नयन का निर्णय भी लिया गया है, जिनमें से 24 के क्रमोन्नयन के आदेश जारी हो चुके हैं।
श्री गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अधिकतर उपखण्ड मुख्यालयों में महाविद्यालय खोले जा चुकेे हैं। शेष उपखण्ड मुख्यालयों में भी चरणबद्ध रूप से महाविद्यालय खोले जाएंगे। उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नए महाविद्यालय खोलने के साथ-साथ सहायक आचार्यों की भर्ती के लिए भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
सहायक आचार्य के 918 रिक्त पदों को भरने हेतु राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर द्वारा विषयवार परिणाम जारी करना प्रारंभ कर दिया गया है। राजकीय महाविद्यालयों में 1000 पदों पर भर्ती के लिए वित्त विभाग द्वारा सहमति दे दी गई है तथा सभी औपचारिकताओं को पूर्ण कर जून, 2022 तक राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि तबादलों में विधवा, परित्यक्ता, एकल नारी, दिव्यांगजन एवं गंभीर बीमारी से ग्रसित को यथासंभव प्राथमिकता दी जाए।
बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार कृतसंकल्पित
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है। प्रदेश में बालिकाओं एवं महिलाओं को आगे बढ़ने के समान अवसर प्रदान करने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। इसी क्रम में कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना तथा देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण एवं प्रोत्साहन राशि योजना के अन्तर्गत दी जाने वाली स्कूटियों की संख्या 13000 से बढ़ाकर 20000 कर दी गई है, जिस पर संभावित व्यय 150 करोड़ रूपये है। साथ ही इस वर्ष से लाभार्थी e-RUPI जन आधार e-Wallet के माध्यम से स्वयं के पसन्द की स्कूटी भी खरीद सकेंगे।
बैठक में स्कूटी वितरण कार्यक्रम 9 अगस्त को प्रस्तावित करने के भी निर्देश दिए।
श्री गहलोत ने कहा कि इस वर्ष 25 राजकीय कन्या महाविद्यालयों में तथा 50 राजकीय महाविद्यालयों में नवीन विषय/संकाय खोले जाएंगे। ऎसी किशोरियां व महिलाएं जो किसी कारण से नियमित रूप से महाविद्यालय और विश्वविद्यालय नहीं जा सकती हैं, उन्हें उच्च शिक्षा से जोड़ने के लिए बालिका दूरस्थ शिक्षा योजना लाई जा रही है। सरकार के इन प्रयासों से राजस्थान बालिका शिक्षा के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में अपनी पहचान बना रहा है।
विद्या संबल योजना को सराहा
मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा संचालित विद्या संबल योजना की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत 1176 गेस्ट फैकल्टी द्वारा विभिन्न महाविद्यालयों में अध्यापन कार्य करवाया गया है। उन्होंने सत्र 2022-23 में भी विद्या सम्बल योजना के माध्यम से अध्यापन कार्य सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
मजबूत हो रहा है उच्च शिक्षा का आधारभूत ढांचा
बैठक में अधिकारियों द्वारा बताया गया कि वर्ष 2022-23 में राजकीय महाविद्यालयों के भवन निर्माण हेतु राज्य सरकार द्वारा 177.50 करोड़ रूपये की राशि स्वीत की गई है। 6 राजकीय महाविद्यालयों के भवन निर्माण हेतु विभिन्न भामाशाहों के साथ एम.ओ.यू. किया गया। वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में खोले गये 123 नवीन राजकीय महाविद्यालयों में से 114 में भूमि आवंटित करवा ली गयी हैं। 24 राजकीय महाविद्यालयों के नवीन भवनों का लोकार्पण एवं 7 राजकीय महाविद्यालयों के भवन निर्माण का शिलान्यास किया गया है। मुख्यमंत्री ने अस्थाई भवनों में चल रहे महाविद्यालयों के लिए शीघ्र ही भूमि आवंटन कर निर्माण कार्य शुरू करवाने तथा नवीन महाविद्यालयों का शिलान्यास भी जुलाई माह में ही करने के निर्देश दिए।
निजी महाविद्यालयों के एनओसी पोर्टल एवं निरीक्षण प्रणाली का सुढ़ीकरण
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि पिछले चार माह में कुल 77 निजी महाविद्यालयों व 38 राजकीय महाविद्यालयों के निरीक्षण करवाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने निरीक्षण में पाई गई कमियों को आगामी सत्र से दूर करने तथा निर्देश की पालना न होने पर राजस्थान गैर-सरकारी शैक्षणिक संस्था अधिनियम-1989 के तहत नोटिस पश्चात कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निजी संस्थाओं से आवेदन प्राप्त करने से एनओसी जारी होने तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाए। महाविद्यालयों में भी प्रवेशोत्सव मनाया जाए ताकि विद्यार्थियों में राजकीय महाविद्यालयों के प्रति रूझान बढे़।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्री राजेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि महाविद्यालयों के भवन निर्माण में गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं होगा तथा समयबद्ध तरीके से एवं सम्पूर्ण परदर्शिता के साथ निर्माण कार्यों को गति दी जाएगी।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री अखिल अरोऱा, शासन सचिव उच्च एवं तकनीकी शिक्षा श्री भवानी सिंह देथा, आयुक्त कॉलेज शिक्षा श्रीमती शुचि त्यागी एव संयुक्त शासन सचिव उच्च शिक्षा डॉ. प्रदीप के गवांडे सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।