स्थानीय जरूरतों के अनुसार युवाओं को प्रशिक्षित करें: सीएमडी 

महत्वाकांक्षी, पिछड़े सीमा क्षेत्र और जनजातीय जिलों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों के प्रस्तावों पर हुई चर्चा

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (आरएसएलडीसी) अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डाॅ. आरूषी मलिक ने क्षेत्र विशेष की स्थानीय जरूरतों के अनुसार युवाओं को प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए, ताकि उन्हें वहीं आसानी से अच्छा रोजगार मिल सके। डाॅ. मलिक संकल्प परियोजना के अंतर्गत यहां निगम मुख्यालय में शुक्रवार को आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं।
सीएमडी डाॅ. मलिक ने जैसलमेर के मांगणियार समुदाय के लिए प्रशिक्षण और बाड़मेर के लकड़ी की नक्काशी (वुड कार्विंग) के प्रस्ताव की सराहना करते हुए कहा कि जैसलमेर एवं बीकानेर जैसे जिलों में अच्छी संख्या में विदेशी पर्यटकों के आगमन को ध्यान में रखते हुए विदेशी भाषाओं के प्रशिक्षण पर कार्य करें। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के बाद रोजगार से जोड़ने के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए माइग्रेंट सपोर्ट सेंटर पर भी विचार किया जा सकता है। उन्होंने रिवाइज्ड प्रस्ताव जल्द से जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
बैठक में प्रदेश के महत्वाकांक्षी, पिछड़े सीमा क्षेत्र और जनजातीय जिलों बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बीकानेर, धौलपुर, डूंगरपुर, गंगानगर, जैसलमेर, जालौर, करौली, सिरोही एवं प्रतापगढ़ के संकल्प जिला समन्वयकों एवं एमजीएनएफ-फेलो की ओर से बनाये गये परियोजना प्रस्तावों पर विस्तृत प्रजेंटेशन के साथ चर्चा की गई। जिला समन्वयकों की ओर से संबंधित जिला कलेक्टर एवं जिला कौशल विकास समिति के निर्देशन में तैयार किये गए परियोजना प्रस्तावों को केन्द्र सरकार  के दिशा-निर्देशों के अनुसार पुनः अवलोकन करते हुए प्रेषित किया जाएगा।
इससे राज्य के महत्वाकांक्षी, पिछड़े सीमा क्षेत्र और जनजातीय जिलों में कौशल कार्यक्रमों के अंतर्गत लक्षित समूह को कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाकर जीवन में सामाजिक स्तर पर परिवर्तन लाया जा सके।